
रांची: 17 जनवरी से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन “खतियानी जोहार यात्रा” के दूसरे चरण की शुरुआत करेंगे. मगर इससे पहले ही सरकार के अहम सहयोगी कांग्रेस के भीतर से 1932 के खतियान को लेकर विरोध के सुर निकलने लगे है. कांग्रेस के पूर्व सांसद फुरकान अंसारी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को 1932 के खतियान के मामले में नहीं पड़ने की सलाह दी है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को 1932 के खतियान के मामले में नहीं पड़ना चाहिए. बाबूलाल मरांडी इस मामले में पड़े तो हट गए. जो-जो इस मामले में पड़ेगा वो हटेगा. फुरकान अंसारी ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन 1932 खतियान को लेकर हवा बना रहे है. उन्होंने कहा कि आज जिसके पास खतियान है, उसके पास जमीन नहीं है. बिना जमीन के खतियान लेकर कोई क्या करेगा. किसी खतियान वाले से पूछो कि जमीन क्यों बेच दिए, तो यही कहेगा कि बाहर से आकर लोग अच्छी कीमत देते है, इसीलिए जमीन बेच देते है. फुरकान अंसारी ने कहा कि कोई कही से भी आया हो, उसे कहीं भी रहकर कमाने खाने का अधिकार है. इस मामले में बेवजह नहीं पड़ना चाहिए.