कब्रिस्तान से घास और पत्तियां खाने के जुर्म में बकरियों ने काटी एक साल के लिए जेल की सजा, अब जाकर मिली रिहाई, जानिये कब कब हुई है जानवरो को जेल..

कब्रिस्तान से घास और पत्तियां खाने के अपराध में 9 बकरियों को एक साल तक जेल में रहना पड़ा. 24 नवंबर को इन बकरियों को जेल से आजाद किया गया. हैरान करने वाला पूरा मामला बांग्लादेश से सामने आया है. बांग्लादेश के बरिशाल शहर से आया यह मामला खूब चर्चा में है. बरिशाल सिटी कॉरपोरेशन (बीसीसी) के नवनिर्वाचित मेयर अबुल खैर अब्दुल्ला के निर्देश पर बकरियों को मुक्त किया गया. जेल से रिहाई के बाद बकरियों को मालिक को सौंपने के दौरान वर्तमान बीसीसी प्रशासनिक अधिकारी आलमगीर हुसैन और रोड इंस्पेक्टर रियाजुल करीम और इमरान हुसैन खान भी मौजूद थे.
जानवारो को कब कब हुई जेल: ऐसा नहीं है कि बांग्लादेश में बकरियों को जेल भेजने का यह पहला मामला है. दुनियाभर से ऐसी खबरें आती रहती है, जब बेजुबान जानवरो को जुर्म के बराबर सजा दी जा रही है. भारत के यूपी के जालौन जिले में एक गधे को जेल के बाहर पेड़ पौधों को खाकर नष्ट करने के आरोप में जेल में बंद किया गया था. सिडनी में एक कोर्ट के बाहर पौधों से बर्बरता के आरोप में बकरे को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. 2013 में भारत के चेन्नई में पुलिस वाहन क्षतिग्रस्त करने के आरोप में तीन बकरो को जेल हुई थी. 2011 में पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में एक बंदर को गिरफ्तार कर ज़ू में डाला गया था. 2013 में केरल में एक हाथी को जेल की सजा हुई थी, जब हाथी ने एक कार्यक्रम में बेकाबू होकर तीन महिलाओ को रौंद दिया था. हाथी के ऊपर हत्या की धाराएं दर्ज की गयी थी. अमेरिका की मिशिगन पुलिस ने भी एक कुत्ते को गिरफ्तार किया गया था. कुत्ते पर आरोप था कि उसने अपने अफसर का खाना चुराया था.