
रांची. झारखंड में खतियान आधारित स्थानीय नीति और पिछडो का आरक्षण 27% करने के हेमंत सरकार के फैसले के बाद से तमतमाए विपक्ष के ऊपर आज झामुमो के केंद्रीय प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने भी जमकर हमला बोला. सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि 22 साल बाद पिछड़ों को उचित आरक्षण मिला है, तो आदिवासियों मूलवासियों को अमिट पहचान भी मिली है. बाबूलाल मरांडी के मुख्यमंत्री रहते और सुदेश महतो के मंत्री रहते 2001 में पिछड़ों का आरक्षण 27% से घटाकर 14% कर दिया गया था. बाबूलाल मरांडी कि सरकार ने बिना लोगों को विश्वास में लिए राज्य में डोमिसाइल लागू किया था जिसके फलस्वरूप पूरा राज्य ध’धक गया था, वो भी भाजपा की साजिश थी. रघुवर दास के शासनकाल में भी आजसू कोटे से मंत्री चंद्रप्रकाश चौधरी के रहते हुए 1985 को स्थानीय नीति का आधार बनाया गया. तब आजसू ने आवाज क्यों नहीं उठायी.

उन्होंने कहा कि भाजपा इस राज्य का मीरजाफर है और आजसू जयचंद है. झामुमो नेता ने कहा कि अब जब झारखंड अपने सभी संसाधन के साथ आगे बढ़ रहा है तो साजिश रची जा रही है. इसलिए झामुमो एक बार फिर मांग करता है कि राज्यपाल अपना मंतव्य जल्द चुनाव आयोग को भेजे और वहां से जो निर्णय आये उससे मुख्यमंत्री को अवगत कराएं ताकि हम लीगल सहायता ले सके. विकास को बाधित करने की कोशिश की जा रही है.