
अगर आपके पास भी जाली दस्तावेज है, जिसके आधार पर आप झारखंड में सरकारी नियुक्तियों और आरक्षण का लाभ उठाना चाहते है. तो सावधान हो जाइये. अगर आप भी जाली सर्टिफिकेट के आधार पर योग्य युवाओ के अधिकारों पर कब्जा जमाये बैठे है, तो तुरंत सीट खाली कर दे. क्योकि झारखंड में अब फर्जी या जाली दस्तावेजों के आधार पर स्थानीय नौजवानो के अधिकारों पर डाका डालने वाले मुन्ना भाइयो के खिलाफ राज्य की हेमंत सरकार सख्त हो गयी है. ऐसे जाली दस्तावेजों के दोषियों को हवालात भेजने के लिए लगातार अभियान चलाया जा रहा है.
हाल ही में राज्य सरकार के बैक तो बैक कड़े एक्शन ने ऐसे फर्जी गोरखधंधे में शामिल गैंग की नींद उड़ा दी है. खूंटी के जिला मुख्यालय स्थित बिरसा कॉलेज स्टेडियम में होमगार्ड जवानो की भर्ती में फर्जी दस्तावेजों के साथ शामिल होने पहुंचे बिहार के दो युवको को आज हवालात भेज दिया गया. इन युवको के पास से फर्जी स्थानीय प्रमाण पत्र बरामद हुए है. दोनों युवको के खिलाफ खूंटी थाने में मामला दर्ज कर जेल भेजने की तैयारी शुरू कर दी गयी है. गिरफ्तार किये गए दोनों युवक बिहार के लखीसराय जिले के निवासी बताये जा रहे है. युवको का नाम राजेश कुमार और सरबीन कुमार है. गिरफ्तार युवको के संबंध में जानकारी देते हुए खूंटी थाना प्रभारी जयदीप लकड़ा ने बताया कि दोनों युवको को जाली दस्तावेजों के साथ गिरफ्तार किया गया है. दोनों बहाली के अंतिम दिन फर्जी दस्तावेज लेकर बहाली प्रक्रिया में शामिल होने पहुंचे थे.
सहायक शिक्षकों में मची खलबली : जाली दस्तावेजों के आधार पर झारखंड के स्थानीय युवाओ के अधिकारों पर कुंडली मारकर युवाओ को नियुक्तियों से वंचित रखने वाले राज्य के कुछ सहायक शिक्षकों पर भी गाज गिरने वाली है. दरअसल राज्य के सहायक शिक्षकों (पारा शिक्षकों) के सर्टिफिकट की जांच अप्रैल से शुरू हुई थी. यह अभियान पांच दिसंबर तक पूरा कर लिया जाना है. मगर इस बीच कई शिक्षक स्वतः ही नौकरी छोड़कर अंडर ग्राउंड हो गए है. जिनकी तलाश में शिक्षा विभाग जुट गया है. बताया जा रहा है कि इन शिक्षकों ने जाली दस्तावेजों के सहारे नौकरी तो पा ली, मगर दस्तावेजों के सत्यापन में अपनी पोल खुल जाने के डर से अब यह भागे भागे फिर रहे है.
शिक्षा विभाग के आंकड़ों के अनुसार अबतक 232 शिक्षकों ने नौकरी छोड़ दी है, जबकि 248 शिक्षक लापता हो गए है. 170 ऐसे शिक्षक भी है, जिन्होंने अभी तक सत्यापन के लिए अपने दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किये है. अब विभाग ऐसे शिक्षकों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई कर उनकी सेवा समाप्त करने का मन बना चुका है. इन शिक्षकों को पांच दिसंबर तक का अल्टीमेटम दिया गया है. पांच दिसंबर तक दस्तावेज सत्यापित नहीं कराया तो इन शिक्षकों को सेवा मुक्त कर आगे की कार्रवाई भी की जाएगी.