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अनुराग गुप्ता बनाये गए झारखंड के नए डीजीपी, विवादों में रहे है अनुराग, चुनाव आयोग के निर्देश पर दो साल तक रहे थे निलंबित

1990 बैच के आईपीएस अधिकारी अनुराग गुप्ता झारखंड पुलिस में तेज तर्रार पुलिस अधिकारी के रूप में जाने जाते है। हालांकि इनका विवादों से भी नाता रहा है।

रांची. झारखंड सरकार ने अनुराग गुप्ता को पुलिस महानिदेशक (DGP) का प्रभार सौंपा है। अनुराग गुप्ता अजय कुमार सिंह के स्थान पर प्रभारी डीजीपी के पद पर योगदान देंगे। इससे संबंधित अधिसूचना जारी कर दी गयी है। अनुराग गुप्ता वर्तमान में सीआईडी के डीजी है और वे अतिरिक्त प्रभार में डीजीपी का कार्यभार संभालेंगे। इससे पहले वे डीजी ट्रेनिंग के पद पर रह चुके है।

अजय कुमार सिंह को सरकार ने अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक झारखंड पुलिस हाउसिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड रांची के पद पर पदस्तापित किया है। इनके अलावा आईपीएस अधिकारी प्रशांत कुमार को अपर पुलिस महानिदेशक संचार एवं तकनीकी सेवाएं रांची के पद पर पुलिस महानिदेशक के कोटि में उत्क्रमित करते हुए पुलिस महानिदेशक संचार एवं तकनीकी सेवाएं रांची के पद पर पदस्थापित किया है।

कौन है अनुराग गुप्ता ?

1990 बैच के आईपीएस अधिकारी अनुराग गुप्ता झारखंड पुलिस में तेज तर्रार पुलिस अधिकारी के रूप में जाने जाते है। हालांकि इनका विवादों से भी नाता रहा है। अनुराग गुप्ता के ऊपर साल 2016 के राज्यसभा चुनाव के दौरान भाजपा प्रत्याशी के पक्ष मे वोट देने के लिए बड़कागांव की तत्कालीन कांग्रेस विधायक निर्मला देवी और उनके पति योगेंद्र साव पर दबाव डालने का आरोप लगा था। तत्कालीन जेवीएम सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी ने 2017 में एक ऑडियो टेप जारी कर अनुराग गुप्ता के ऊपर गंभीर आरोप लगाए थे। इस ऑडियो टेप में अनुराग गुप्ता और योगेंद्र साव के बीच की बातचीत रिकॉर्ड थी। मरांडी ने अनुराग गुप्ता के ऊपर बीजेपी के एजेंट के रूप में काम करने का आरोप लगाया था। इस मामले में निर्वाचन आयोग की टीम ने जांच के बाद 13 जून, 2017 को रांची के जगन्नाथपुर थाने में अनुराग गुप्ता के ऊपर FIR दर्ज करने का निर्देश दिया था। चुनाव आयोग ने एफआईआर के अलावा अनुराग गुप्ता के ऊपर विभागीय कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया था।

फरवरी 2020 में अनुराग गुप्ता के निलंबन के बाद राज्य सरकार ने विभागीय कार्रवाई शुरू की थी। पूर्व डीजीपी एमवी राव की अध्यक्षता में बनी कमिटी ने इस मामले में जांच पूरी की और सरकार को अंतिम रिपोर्ट भेजी। रिपोर्ट में अनुराग गुप्ता को क्लीन चिट दे दिया गया। सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल ने अनुराग गुप्ता के मामले में सुनवाई के बाद राज्य सरकार को निलंबन वापस लेने का आदेश जारी किया था। कैट ने अपने फैसले में लिखा था कि राज्य सरकार दो साल से अधिक समय तक किसी को भी निलंबित नहीं रख सकती है। 13 मई, 2022 को राज्य सरकार ने अनुराग गुप्ता का निलंबन वापस लेते हुए उन्हें अपर पुलिस महानिदेशक, प्रशिक्षण के पद पर बहाल कर दिया।

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