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सर्वर धीमे चलने से ई-केवाईसी का काम काफी सुस्त, अबतक झारखंड के 80 लाख कार्डधारियों का ई-केवाईसी बाकी, अंतिम तिथि बढ़ाने और तकनीक में सुधार करने की मांग

रांची: राशन कार्ड धारियों का ई-केवाईसी अनिवार्य कर दिया गया है. इसके लिए 31 मार्च, 2025 की अंतिम तिथि निर्धारित की गयी है. इस बीच सभी पीडीएस दुकानों में लोग ई-केवाईसी करवाने के लिए मशक्कत कर रहे है. सभी पीडीएस दुकानों में सुबह राशन कार्डधारी पहुंच रहे है, लेकिन सर्वर काफी धीमा काम करने की वजह से पीओएस मशीन काम नहीं कर रही है.

डोरंडा के मिस्त्री मोहल्ले के राशन दुकानदार ने कहा कि पिछले तीन दिनों से सर्वर का हाल बहुत बुरा है. सुबह से शाम तक इस 2जी इ-पॉस मशीन में सर्वर काम नहीं कर रहा है. शाम के वक्त कुछ ठीक काम करता है, तब भी कार्डधारियों को घंटो लग जाते है. ऐसे में हम एक दिन में मात्र 3 से 4 लोगों का ही ई-केवाईसी कर पा रहे है. उन्होंने कहा कि ऐसे तो सर्वर हमेशा ही खराब काम करता है, लेकिन पिछले तीन दिनों से एकदम काम नहीं कर रहा है. सुबह से ही कार्डधारी पहुंचे रहते है. कई लोग सुबह से लेकर शाम तक इंतजार करते है. जब सर्वर थोड़ा ठीक होता है तो कार्डधारी को 50 बार ठप्पा लगाना पड़ता है, तब जाकर किसी एक का केवाईसी पूरा हो पाता है.

बढ़ाई जा सकती है ई-केवाईसी की अंतिम तिथि:

आपको बता दें कि पूरे राज्य में 80 लाख से ज्यादा कार्डधारियों का अबतक ई-केवाईसी नहीं हो पाया है. यदि इनका ई-केवाईसी नहीं हो पायेगा, तो इनका नाम राशन कार्ड से कट जायेगा, और इन्हे केंद्र सरकार से मिलने वाले अनाज का लाभ नहीं मिल पायेगा. ऐसे में दुकानदारों का कहना है कि ई-केवाईसी की अंतिम तिथि जो 31 मार्च है, उसे बढ़ाया जा सकता है.

झंडा चौक स्थित पीडीएस दुकानदार पंकज कुमार ने बताया कि सर्वर बिलकुल काम नहीं कर रहा है. पीओएस मशीन में कई बार ठप्पा लगाने के बाद भी केवाईसी नहीं हो पा रहा है. ऐसे में घर-घर जाकर ई-केवाईसी कराना भी मुश्किल हो गया है.

क्या कहते है कार्डधारी?

कोकर निवासी कार्डधारी अमित कुमार ने बताया कि उसे ई-केवाईसी करवाने के लिए दो से तीन दिनों तक पीडीएस दुकान के चक्कर लगाने पड़े. अंत में दोपहर के समय 25 बार अंगूठा लगाने के बाद जाकर उनका केवाईसी पूरा हुआ. कोकर निवासी कार्डधारी बंटी कुमार ने बताया कि जब मैं ई-केवाईसी कराने पीडीएस दुकान गया तो कई लोगों को वहां से वापस लौटना पड़ा. क्योंकि सर्वर बहुत धीमा चल रहा था. एक्का दुक्का लोगों का ही पूरे दिन में ई-केवाईसी हो पाया.

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