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एचआईवी मरीजों के साथ भेदभाव मिटाने के लिए लोगों को किया जाएगा जागरूक, 1 सितबंर से IEC अभियान की होगी शुरुआत

एचआईवी संक्रमित व्यक्ति के साथ हाथ मिलाने या गले लगाने से संक्रमण नहीं होता है और ना संक्रमित व्यक्ति के कपड़े पहनने या इसके साथ खाना खाने से होता है।

रांची. अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर झारखण्ड राज्य एड्स नियंत्रण समिति एवं स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग के तत्वावधान में आज डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय सभागार में गहन आईईसी अभियान कार्यक्रम की शुरुआत की गई। डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. तपन कुमार शांडिल्य ने इस अभियान के लिए झारखंड सरकार की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि IEC अभियान के माध्यम से झारखंड के लोगों को, विशेषकर युवाओं को एचआईवी और यौन संचारित रोगों को लेकर जागरूक किया जाएगा। इसके अलावा एचआईवी मरीजों के साथ हो रहे भेदभाव के बारे में भी जागरूकता फैलायी जाएगी। 1 सितबंर से इस अभियान की शुरुआत हो जाएगी, जो 2 महीने तक चलेगा।

झारखण्ड राज्य एड्स नियंत्रण समिति के परियोजना निदेशक पवन कुमार ने कहा कि यह अभियान राष्ट्रीय स्तर, जिला स्तर, प्रखंड स्तर और ग्राम स्तर पर चलाया जाएगा। अभियान से संबंधित सभी प्रमुख विभाग भी अभियान का प्रचार-प्रसार कर रहे हैं, ताकि एचआईवी से जुड़ी सही जानकारी लोगों तक पहुंचे। उन्होंने बताया कि एचआईवी संक्रमित व्यक्ति के साथ हाथ मिलाने या गले लगाने से संक्रमण नहीं होता है और ना संक्रमित व्यक्ति के कपड़े पहनने या इसके साथ खाना खाने से होता है। इसलिए एचआईवी मरीज के साथ हो रहे भेदभाव को हमें रोकना है और लोगों को जागरूक करना है।

मौके पर उत्कृष्ट प्रदर्शन हेतु मीडियाकर्मियों को सम्मानित भी किया गया। प्रदेश की मीडिया संस्थानों से अनुरोध किया गया कि इस अभियान का प्रचार-प्रसार व्यापक स्तर करें। इस अवसर पर संयुक्त निदेशक, CST झारखंड राज्य एड्स नियंत्रण समिति डॉ बदल चंद भकत, उप निदेशक, BSD सत्य प्रकाश प्रसाद, अपर परियोजना निदेशक, झारखंड राज्य एड्स नियंत्रण समिति, डॉ एस0एस0 पासवान, NSS प्रभारी, DPSMU डॉ सोनाली सहित अन्य लोग उपस्थित थे।

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