दिल्ली के रामलीला मैदान में आयोजित इंडिया गठबंधन की महारैली में शामिल हुई कल्पना सोरेन, बोली – बाबा साहेब के संविधान से प्राप्त जिनती गारंटियां है, उसे मोदी सरकार खत्म कर रही है
कल्पना सोरेन ने कहा कि लोकतंत्र को खत्म करने के लिए आज जिस तरह से तानाशाही ताकतों ने कदम बढ़ाया है, उसे खत्म करने के लिए आज संकल्प सभा के रूप में जनता आमंत्रित हुई है।

नयी दिल्ली. पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी सह गांडेय से महागठबंधन की संभावित प्रत्याशी कल्पना सोरेन ने आज दिल्ली में आयोजित इंडिया अलायंस की महारैली में भाग लिया। महारैली को संबोधित करते हुए कल्पना सोरेन ने कहा कि आदिवासियों का जीवन संघर्षो से जुड़ा रहा है, हमारे इतिहास पर हमें गर्व है। कल्पना सोरेन ने कहा कि लोकतंत्र को खत्म करने के लिए आज जिस तरह से तानाशाही ताकतों ने कदम बढ़ाया है, उसे खत्म करने के लिए आज संकल्प सभा के रूप में जनता आमंत्रित हुई है।
आज इंडिया गठबंधन के नेताओ को 140 करोड़ भारतीयों से हिम्मत, ताकत मिली है। अब बहुमत भी मिलेगा। कल्पना सोरेन ने कहा कि आज बाबा साहेब के संविधान से हमें जितनी गारंटियां प्राप्त हुई है, उन सब को एनडीए सरकार द्वारा नष्ट किया जा रहा है। एनडीए सरकार के गारंटियों की गारंटी कौन लेगा? इन्होने एक एक करके हमारे संवैधानिक संस्थाओ के संवैधानिक मूल्यों को तहस नहस कर दिया है।
#WATCH दिल्ली: INDIA गठबंधन की ‘महारैली’ में झारखंड मुक्ति मोर्चा(JMM) नेता और पूर्व CM हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन ने कहा, “…आज यहां उमड़ा जल सैलाब इस बात की गवाही दे रहा है कि लोकतंत्र को खत्म करने के लिए जिस तरीके तानाशाह ताकतों ने अपने कदम बढ़ाएं हैं उसका अंत करने के… pic.twitter.com/ZXBI44KUlq
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 31, 2024
कल्पना सोरेन ने कहा कि आज पूरे देश में नफरत की चिंगारियां फैलाई जा रही है। आम आदमी के अधिकारों के लिए कोई खड़ा नहीं हो रहा है। देश की जनता से बड़ा कोई नहीं होता है। अगर कोई दल अपने आप को बहुत शक्तिशाली समझता है, तो उसे ये मालूम होना चाहिए कि भारत की 140 करोड़ जनता से ज्यादा शक्तिशाली कोई नहीं हो सकता है।
अगर देश का लोकतंत्र बचाना है, तो अपने वोट का इस्तेमाल सही ढंग से करना होगा। उन्होंने केंद्र की एनडीए सरकार को श्री राम जी के जीवन से सीख लेने की सलाह दी। कल्पना ने कहा कि प्रभु श्री राम जी ने युद्ध में नीति नियमो और आदर्शो का पालन किया, वे शक्तिशाली होते हुए भी धैर्य और सहनशीलता दिखाई थी, अपने प्रतिद्वंदी को हरा कर उन्हें सम्मान की दृष्टि से देखा था, आज हमें उस राम जी के आदर्शो पर चलना सीखना चाहिए।