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झारखंड से राज्यसभा के लिए डॉ प्रदीप वर्मा और डॉ सरफराज अहमद निर्विरोध निर्वाचित, जानिये क्यों नहीं आयी वोटिंग की नौबत

रांची. झारखंड से राज्यसभा के लिए दो सदस्य निर्विरोध निर्वाचित कर लिए गए हैं। इसमें बीजेपी से डॉ. प्रदीप वर्मा और महागठबंधन से डॉ सरफराज अहमद शामिल हैं। दोनों प्रत्याशियों ने 11 मार्च को चुनाव लड़ने के लिए नामांकन भरा था, लेकिन दो ही प्रत्याशी होने की वजह से उन्हें निर्वाचित घोषित कर दिया गया।

झारखंड विधानसभा के सचिव सैयद जावेद हैदर ने इसकी घोषणा की है। उन्होंने दोनों नवनिर्वाचित सदस्यों को आज सर्टिफिकेट भी प्रदान किया। इस तरह से बिना चुनाव लड़े ही डॉ प्रदीप वर्मा और डॉ सरफराज अहमद राज्यसभा के सदस्य घोषित किए गए।

बता दें कि चुनाव लड़ने के लिए मुंबई के व्यवसायी हरिहर महापात्र का नाम सामने आया था। उन्होंने नामांकन पत्र भी खरीदा था, लेकिन उन्होंने नॉमिनेशन दाखिल नहीं किया। इस वजह से झारखंड से दो ही प्रत्याशी थे। चुनाव शेड्यूल के अनुसार आज नामांकन वापसी की तारीख थी।

डॉ सरफराज अहमद करीब 50 साल के राजनीतिक जीवन में 46 साल तक कांग्रेस से जुड़े रहे। कांग्रेस के टिकट पर 1984 में गिरिडीह से जीत कर लोकसभा पहुंचे थे। उनके पिता डॉक्टर इम्तियाज अहमद भी गिरिडीह से कांग्रेस के ही सांसद रह चुके हैं। उनके निधन के बाद सरफराज यहां से सांसद बने। 1985 में पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी के कार्यकाल के दौरान वह कांग्रेस के राष्ट्रीय संयुक्त सचिव भी रहे। झारखंड अलग होने के बाद पहली बार कांग्रेस के टिकट पर गांडेय विधानसभा सीट से चुनाव जीता था। जिसके बाद उन्होंने कांग्रेस के ही टिकट पर 2009 में गांडेय विधानसभा से चुनाव जीता था। 2019 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस-झामुमो गठबंधन में सीटों के बंटवारे में गांडेय विधानसभा की सीट झामुमो के खाते में आई थी। इसके बाद उन्होंने झामुमो का दामन थाम लिया और एक बार फिर गांडेय सीट से विधायक चुने गए। दो महीने पहले उन्होंने विधायकी छोड़ी है।

वहीं, डॉ प्रदीप वर्मा बीजेपी से काफी लंबे समय से जुड़े हुए हैं। फिलहाल पार्टी में वे प्रदेश महामंत्री की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। पार्टी ने उन्हें राज्यसभा के लिए बतौर उम्मीदवार चुना है। उन्होंने राजनीति में भाजपा सदस्य के तौर पर 1992 में कदम रखा। वे लगातार पार्टी के विभिन्न पदों पर रहे। 2011 में भाजपा प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य और प्रदेश सह प्रशिक्षण प्रमुख बनने के बाद 2013 में प्रदेश मंत्री के रूप में झारखंड प्रदेश कार्यसमिति में रहे। 2015 में प्रदेश सदस्यता प्रभारी बनने के बाद 2016 में प्रदेश उपाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी मिली। 2020 में प्रदेश महामंत्री बनने के बाद प्रदीप वर्मा का कद बढ़ता गया। बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व में बनी झारखंड बीजेपी की नई टीम में वे प्रदेश महामंत्री और मुख्यालय प्रभारी के रूप में कार्यरत हैं।

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