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शिबू सोरेन से जुड़े बेनामी संपत्ति की जांच करेगी सीबीआई, लोकपाल ने छह महीने में जांच पूरी करने का दिया आदेश

रांची. हेमंत सोरेन के बाद अब उनके पिता शिबू सोरेन की भी मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं. लोकपाल ने आय से अधिक संपत्ति मामले में झामुमो के अध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद शिबू सोरेन के खिलाफ दाखिल शिकायत पर सोमवार को फैसला सुनाया. लोकपाल ने सीबीआई को जल्द से जल्द जांच करने का आदेश दिया है. इस मामले की प्रारंभिक जांच छह महीने के अंदर पूरी करने को कहा गया है. इसके साथ जांच रिपोर्ट की एक प्रति सौंपने को कहा है. बता दें कि लोकपाल ने इस मामले की सुनवाई पूरी करने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.

गोड्डा से बीजेपी सांसद डॉ निशिकांत दुबे ने 2020 में लोकपाल के समक्ष शिकायतवाद दर्ज करायी थी. गोड्डा से बीजेपी सांसद डॉ निशिकांत दुबे ने राज्यसभा सांसद व झारखंड के पूर्व सीएम शिबू सोरेन व उनके परिवार के अन्य सदस्यों के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप लगाया था और 2020 में लोकपाल के समक्ष शिकायतवाद दर्ज करायी था. इसी शिकायतवाद पर लोकपाल ने फैसला सुनाते हुए सीबीआई को आदेश दिया.

लोकपाल द्वारा की जा रही प्रारंभिक जांच के आदेश को शिबू सोरेन ने दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. दिल्ली हाईकोर्ट से शिबू सोरेन को अपील याचिका पर राहत नहीं मिली थी. सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने एकल पीठ के आदेश को बरकरार रखा था और एकल पीठ ने लोकपाल के आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया था. सीबीआई ने मामले की जांच के बाद मार्च 2021 और उसके बाद 1 जुलाई 2021 को सोरेन परिवार की संपत्ति का पूरा ब्यौरा और उनके आयकर रिटर्न पर लोकपाल को रिपोर्ट सौंपी थी.

इसके आधार पर लोकपाल ने शिबू सोरेन और परिवार के सदस्यों को नोटिस भेजकर उनका पक्ष मांगा था. इसके बाद सोरेन परिवार के सदस्यों से मिले जवाब के आलोक में सीबीआई ने अंतिम पीई रिपोर्ट बीते साल 29 जून को लोकपाल के यहां दाखिल की. इसमें सीबीआई की ओर से कहा गया है कि सोरेन और परिवार के सदस्यों ने आय के ज्ञात और घोषित स्रोत से ज्यादा कई बेनामी संपत्तियां बनाई हैं.

लोकपाल ने अपने आदेश में कहा था कि सीबीआई की विस्तृत रिपोर्ट के अवलोकन के आधार पर यह पाया गया है कि इस मामले में धारा 20(3) के अंतर्गत प्रोसिडिंग शुरू की जानी चाहिए. इस सिलसिले में शिबू सोरेन को लोकपाल की ओर से नोटिस जारी किया गया था.

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