
बोरियो से विधायक लोबिन हेम्ब्रम ने 1932 को स्थानीयता का आधार मानने से इंकार किया है. उन्होंने कहा कि किसी खास वर्ष या अवधि को स्थानीयता का आधार नहीं बनाया जाना चाहिए. लोबिन हेम्ब्रम ने एक न्यूज़ पोर्टल से बातचीत के दौरान कहा कि जिसके पास खतियान है उसे ही झारखंडी माना जाना चाहिए. ऐसा नहीं कि जो झारखंड बनने से पहले से यहां रह रहे हो, उसे झारखंडी का दर्जा मिले. जिसके पास यहां का खतियान हो, वहीं असल झारखंडी है. इसके साथ ही लोबिन हेम्ब्रम ने नौकरियों में स्थानीय को प्राथमिकता देने की मांग दोहरायी. लोबिन हेम्ब्रम ने कहा कि खतियान आधारित स्थानीय और नियोजन नीति से ही यहां के युवाओं का भला होगा. स्थानीय लोगों को नौकरियों में प्राथमिकता दी जानी चाहिए. हालांकि, स्थानीय नीति तय करने में कोई खास वर्ष या अवधि तय नहीं होनी चाहिए. ऐसी स्थिति में उनकी समझ से कोर्ट भी हस्तक्षेप नहीं करेगा.
60-40 पर हो रही है राजनीति: 60-40 को लेकर युवाओं के बीच जारी आक्रोश के सवाल पर लोबिन हेम्ब्रम ने कहा कि इसे विपक्ष हवा दे रहा है. युवाओं का कहना है कि 1932 के खतियान पर नौकरियां दिए जाने से आखिर बाकी सब कहां जायेंगे. होना यह चाहिए कि झारखंड बनने से पहले जिनके पास भी खतियान है, उसे ही नौकरियों में वरीयता मिले. उन्होंने कहा कि वे हमेशा युवाओं के साथ है.