
नई दिल्ली/रांची/गिरिडीह: जैन धर्मावलंबियों के पवित्र स्थल गिरिडीह के पारसनाथ पर्वत (श्री सम्मेद शिखरजी) को लेकर केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. केंद्र सरकार ने पारसनाथ वन्य जीव अभ्यारण्य प्रबंधन योजना के खंड 7.6.1 के प्रावधानों को तत्काल प्रभाव से सख्ती से लागू करने का आदेश दिया है. इसके मुताबिक पारसनाथ क्षेत्र में शराब, ड्रग्स, मांस या अन्य नशीले पदार्थों की बिक्री करना, तेज संगीत बजाना या लाउड स्पीकर का उपयोग करने पर पूरी तरह से रोक लगा दी गयी है. यहां तक कि अनाधिकृत ट्रैकिंग और कैंपिंग पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है.
इसके अलावा अपने आदेश में केंद्र सरकार ने पारसनाथ पर्वत से इको-सेंसिटिव की अधिसूचना के खंड 3 के प्रावधानों के कार्यान्वयन पर तत्काल रोक लगा दी है. जिसमे सभी पर्यटन और इको-टूरिज्म गतिविधियां शामिल है. केंद्र सरकार ने प्रावधानों की निगरानी के लिए एक समिति गठित करते हुए राज्य सरकार को आदेश दिया है कि उस समिति में जैन समुदाय के दो सदस्यों को स्थायी सदस्य बनाया जाए. ताकि इको-सेंसिटिव जोन की अधिसूचना के प्रावधानों की प्रभावकारी निगरानी की जा सके.
आपको बता दें कि देशभर में जैन समुदाय से जुड़े लोग पारसनाथ पहाड़ क्षेत्र (श्री सम्मेद शिखरजी) को पर्यटन क्षेत्र घोषित किये जाने का विरोध कर रहे है. उनका आरोप है कि पारसनाथ पर्वत को पर्यटन क्षेत्र घोषित करने से इस स्थल की पवित्रता भंग हो जाएगी.