बदल रहा है राज्य का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल रिम्स, नए साल से रिम्स में होगी प्राइवेट गार्ड्स की छुट्टी, इनके कंधो पर होगी सुरक्षा की कमान, रिम्स में बीते दो सालो में आया है काफी बदलाव
रिम्स में तीन अल्ट्रासॉउन्ड और दो सीटी स्कैन मशीन का मरीजों को मिल रहा है निःशुल्क फायदा, नर्सो की संख्या भी बढ़ कर हुई 650. राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल राजेंद्र इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंसेज (रिम्स) में वर्षो से कार्यरत निजी एजेंसी के सुरक्षा गार्ड्स की छुट्टी होने वाली है.

राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल राजेंद्र इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंसेज (रिम्स) में वर्षो से कार्यरत निजी एजेंसी के सुरक्षा गार्ड्स की छुट्टी होने वाली है. गैर कानूनी ढंग से रिम्स में एजेंसी द्वारा इन सुरक्षा गार्ड्स की बहाली की गयी थी. अगस्त 2021 में जांच के बाद सरकार ने रिम्स को सिक्योरिटी गार्ड्स हटाने का आदेश दिया था. सितंबर 2021 के बाद रिम्स ने सुरक्षा गार्ड्स को हटाने की कार्रवाई भी शुरू कर दी थी. मगर तीसरी लहर के मद्देनजर रिम्स ने सुरक्षा गार्ड्स की बहाली में यथास्थिति बनाये रखी. मगर अब कोरोना काल बीतने के बाद रिम्स ने गैर कानूनी ढंग से सेवा दे रहे निजी एजेंसी के सुरक्षाकर्मियों को हटाने की कार्रवाई फिर शुरू कर दी है. सरकार के निर्देशानुसार अब रिम्स की सुरक्षा व्यवस्था निजी एजेंसी नहीं, बल्कि होम गार्ड के जवान संभालेंगे. जल्द ही होम गार्ड के जवानो को अस्पातल की सुरक्षा में तैनात कर दिया जाएगा. इससे ना केवल रिम्स में भ्रष्टाचार रुकेगा, बल्कि सुरक्षा के दृष्टिकोण से भी प्रशिक्षण प्राप्त होम गार्ड के जवान रिम्स को कवच प्रदान करेंगे.
रिम्स में तीन अल्ट्रासॉउन्ड और दो सीटी स्कैन मशीन का मरीजों को मिल रहा है निःशुल्क फायदा, नर्सो की संख्या भी बढ़ कर हुई 650
राज्य का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल बदल रहा है. पहले जहां अस्पताल में इलाज करने पहुंच रहे मरीजों को अपने परिजनों का सीटी स्कैन और अल्ट्रा साउंड कराने बाहर जाना पड़ता था. तो वही सरकार के प्रयास से रिम्स में अब तीन अल्ट्रासॉउन्ड और दो सीटी स्कैन की मशीने भी लग गयी है. जिससे यहां आने वाले गरीब लोगो को काफी फायदा हो रहा है. ऑक्सीजन के लिए भी रिम्स आत्मनिर्भर बन गया है. अब अस्पताल में 2200 ऑक्सीजन बेड है. जो भविष्य के लिए पर्याप्त है. कभी नर्सो की कमी से जूझते रहने वाले रिम्स में अब 650 से भी अधिक नर्से सेवा दे रही है. कोरोना जांच की बात करे तो रिम्स में पहले सैम्पल्स की आरटीपीसीआर जांच के लिए तकनीक उपलब्ध नहीं थी. अब रिम्स खुद आरटीपीसीआर जांच कर सकता है. रिम्स में जांच के लिए एडवांस मशीने लगाई गयी है. जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भी रिम्स में मशीन उपलब्ध है. पहले जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए सैम्पल्स को बाहर भेजना पड़ता था. जिसके नतीजे आने में काफी वक़्त लगता था. जल्द ही रिम्स हॉस्पिटल मैनेजमेंट का कोर्स भी शुरू करने जा रहा है. यह बिहार झारखंड का इकलौता सरकारी मेडिकल कॉलेज होगा, जहां हॉस्पिटल मैनेजमेंट का कोर्स कराया जायेगा.