अगर आज झारखंड में चुनाव हुए तो फिर बनेगी हेमंत सरकार, हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री पद के लिए 47 फीसदी झारखंडियों की पहली पसंद
लोगों से पूछा गया कि अगर आज चुनाव हुए तो वे किसे वोट देंगे। इसके जवाब में 54 फीसदी लोगों ने कहा कि वे यूपीए (झामुमो+कांग्रेस+राजद) को वोट देंगे। वहीं मात्र 33 फीसदी लोगों ने एनडीए (बीजेपी+आजसू+लोजपा) को वोट देने की बात कही। यानी आधे से अधिक लोगों ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाले यूपीए को वोट देने की बात कही।

रांची: झारखंड में जारी सियासी अस्थिरता और सीएम हेमंत सोरेन के लगातार एक्शन के बीच एक ताजा सर्वे ने विपक्षी दलों की नींद उड़ा दी है। रेटिंगोलॉजी और ओपिनियन मैटर्स के ताजा सर्वे ने झारखंड में अपना सर्वे किया है। इस सर्वे में झारखंड के अलग-अलग हिस्सों से कुल 15000 से ज्यादा लोगों की राय ली गयी है। इसमें जनता से कुछ सवाल पूछे गए और उसके आधार पर रिपोर्ट तैयार की गयी है। सर्वे में पूछा गया कि क्या वे सीएम हेमंत सोरेन के कामकाज से संतुष्ट है? मुख्यमंत्री पद के लिए उनकी पहली पसंद कौन है? क्या मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पद का दुरूपयोग किया है? क्या हेमंत सोरेन के खिलाफ साजिश हुई है? अगर आज चुनाव हुए तो आप किसे वोट देंगे? क्या मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को इस्तीफा देना चाहिए? ऐसे कई सवालों के जवाब के बाद रिपोर्ट तैयार की गयी, जिसके सामने आने के बाद झारखंड में विपक्षी दलों की नींद उड़ गयी है।
लोगों से जब पूछा गया कि क्या मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को इस्तीफा देना चाहिए तो 32 फीसदी लोगों ने हां में जवाब दिया, वहीं 59 फीसदी लोगों ने कहा कि हेमंत सोरेन को मुख्यमंत्री बने रहना चाहिए। वहीं 9 फीसदी लोग ऐसे थे जिन्होंने कहा कि उन्हें इस मामले में कुछ नहीं पता।
क्या सीएम हेमंत सोरेन ने पद का दुरूपयोग किया? इस सवाल का जवाब 53 फीसदी लोगों ने हां में दिया, जबकि 45 फीसदी लोगों ने कहा कि सीएम हेमंत सोरेन ने पद का कोई दुरूपयोग नहीं किया है। 2 फीसदी लोगों ने कहा कि उन्हें इस बारे में कुछ नहीं पता।
क्या आप सीएम हेमंत सोरेन के कामकाज से संतुष्ट है? 53 फीसदी लोगों ने कहा कि हां वे सीएम हेमंत सोरेन के कामकाज से संतुष्ट है। 29 फीसदी लोगों ने ना में जवाब दिया। वहीं 4 फीसदी लोगों ने कहा कि वे इस बारे में नहीं जानते।
क्या झारखंड में राष्ट्रपति शासन लग जाना चाहिए? 87 फीसदी लोगों ने कहा कि इसकी जरुरत नहीं है. केवल 4 फीसदी लोग प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने के पक्ष में है। 9 फीसदी लोगों ने कहा कि उन्हें इस बारे में कोई आईडिया नहीं है।
लोगों से पूछा गया कि अगर आज चुनाव हुए तो वे किसे वोट देंगे। इसके जवाब में 54 फीसदी लोगों ने कहा कि वे यूपीए (झामुमो+कांग्रेस+राजद) को वोट देंगे। वहीं मात्र 33 फीसदी लोगों ने एनडीए (बीजेपी+आजसू+लोजपा) को वोट देने की बात कही। यानी आधे से अधिक लोगों ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाले यूपीए को वोट देने की बात कही। अगर दलगत आधार पर कहे तो 36 फीसदी लोगों ने कहा कि वे झारखंड मुक्ति मोर्चा को चुनेंगे. 32 फीसदी लोगों ने कहा कि वे भारतीय जनता पार्टी को चुनेंगे। 17 फीसदी लोगों ने कांग्रेस को चुनने की बात कही। महज 1 फीसदी लोगों ने आजसू, राष्ट्रिय जनता दल और लेफ्ट पार्टियों को वोट देने की बात कही। 4 फीसदी लोगों ने अन्य का विकल्प चुना। वहीं 8 फीसदी लोगों ने नोटा पर बटन दबाने की बात कही।
अगर आज चुनाव हुए तो मुख्यमंत्री के रूप में उनकी पहली पसंद कौन होंगे? इसके जवाब में 41 फीसदी लोगों ने कहा कि वे हेमंत सोरेन को ही मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते है। 28 फीसदी लोगों ने बाबूलाल को चुनने की बात कही। महज 4 फीसदी लोग पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास को मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते है। वही 16 फीसदी लोग शिबू सोरेन को मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते है। 1 फीसदी लोग सुदेश महतो या सीता सोरेन को मुख्यमंत्री बनाना चाहते है। अगर सोरेन परिवार को मिलाकर देखा जाये तो झारखंड की 58 फीसदी जनता सोरेन परिवार से ही मुख्यमंत्री बनते देखता है।
क्या कांग्रेस गठबंधन तोड़ सकती है। 42 फीसदी लोगों ने इसका जवाब हां में दिया। 41 फीसद लोग मानते हैं कि कांग्रेस गठबंधन में बनी रहेगी। 17 फीसदी लोगों ने पता नहीं का विकल्प चुना।
क्या झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक एकजुट हैं। 68 फीसदी लोग कहते हैं हां, वहीं 21 फीसदी लोगों को लगता है कि विधायक टूट सकते हैं। 11 फीसदी लोगों की इस पर कोई राय नहीं है। 92 फीसदी लोगों ने कहा कि वे ताजा सियासी हलचल में राजभवन की भूमिका से अंसतुष्ट हैं। वहीं 8 फीसदी लोग इससे संतुष्ट हैं।
सत्तापक्ष, विपक्ष पर लगातार संवैधानिक संस्थाओं के दुरुपयोग का आरोप लगाता है। पूछा गया कि क्या बीजेपी संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग कर रही है। 51 फीसदी लोगों ने इसका जवाब हां में दिया वहीं 47 फीसदी लोग कहते हैं कि उन्हें नहीं लगता कि बीजेपी ऐसा करती है। 2 फीसदी लोगों को कुछ नहीं पता।
क्या संवैधानिक संस्थाओं से पहले बीजेपी नेताओं द्वारा जानकारी देना उचित है। इस सवाल के जवाब में 94 फीसदी लोगों का मानना है कि संवैधानिक संस्थाओं से पहले बीजेपी नेताओं द्वारा ट्वीट पर जानकारी देना सही नहीं है। 5 फीसदी लोगों ने हां में जवाब दिया। 1 फीसदी लोगों ने कहा नहीं पता।
क्या कांग्रेस के विधायक बीजेपी से जुड़ सकते हैं। 67 फीसदी लोगों ने कहा कि हां, कुछ कांग्रेस विधायक बीजेपी से जुड़ सकते हैं। 31 फीसदी ने कहा कि नहीं। 1 फीसदी लोगों ने कहा, पता नहीं।
क्या सीएम हेमंत सोरेन के खिलाफ साजिश रची गई या क्या सीएम विपक्ष की साजिश का शिकार हुए हैं। इसका जवाब 31 फीसदी लोगों ने हां में दिया वहीं 57 फीसदी लोगों ने कहा कि सीएम के खिलाफ कोई साजिश नहीं हुई है। 12 फीसदी लोगों ने नहीं पता का विकल्प चुना।