
रांची नगर निगम के एनफोर्समेंट टीम में तैनात एनफोर्समेंट दल के कर्मचारी बिना किसी नियम के खाकी वर्दी और स्टार का उपयोग कर रहे है. डीआईजी अनीश गुप्ता ने इस मामले में स्वतः संज्ञान लिया है. अनीश गुप्ता ने रांची के नगर आयुक्त को पत्र लिखकर ये जवाब देने को कहा है कि एनफोर्समेंट टीम में शामिल कर्मी किस आधार या नियमावली के तहत खाकी वर्दी और स्टार का इस्तेमाल कर रहे है. उन्होंने स्थिति स्पष्ट करने को कहा है कि किस प्रावधान के तहत ऐसा किया जा रहा है.
भ्रम कि स्थिति उत्पन्न कर रहा है नगर निगम
डीआईजी अनीश गुप्ता ने नगर आयुक्त से नियमावली उपलब्ध कराने के लिए कहा है. साथ ही अपने पत्र में कहा है कि नगर निगम के एनफोर्समेंट कर्मचारी विभिन्न छापेमारी और अतिक्रमण हटाने के दौरान खाकी वर्दी और स्टार का बेधड़क इस्तेमाल कर रहे है. लेकिन इस दौरान स्थानीय थाना या प्रशासनिक अधिकारियो को सूचित किये बिना यह कार्रवाई की जा रही है. स्टार लगी खाकी वर्दी पहनने से आम लोगो के बीच इन कर्मचारियों को देखकर भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो रही है. इस मामले में झारखंड पुलिस मेंस एसोसिएशन ने भी एसएसपी को पत्र लिखकर एनफोर्समेंट कर्मियों के वर्दी को बदलने की मांग की है.
क्या कहता है नियम ?
खाकी वर्दी को देश में केवल पुलिस सेवा में शामिल कर्मचारी, पदाधिकारी ही पहन सकते है. इसके अलावा पुलिस जैसी दिखने वाली खाकी वर्दी का इस्तेमाल कोई सामान्य नागरिक नहीं कर सकता है. 2 स्टार के बैज वाली खाकी वर्दी पहनने का अधिकार सब इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारियों को है. पुलिस की खाकी वर्दी का इस्तेमाल नियम के विरुद्ध ना हो, इसके लिए कई प्रावधान भी किये गए है.
सेना के जैसी वर्दी नहीं पहन सकते
आईपीसी कि धारा 140 के तहत देश का कोई भी सामान्य नागरिक (जो सेना में ना हो) भारतीय जल, थल, वायु सेना की वर्दी जैसे दिखने वाला वर्दी नहीं पहन सकता है. कानून के नजर में इसे अपराध की श्रेणी में रखा गया है. अगर कोई सामान्य नागरिक बिना सेना में शामिल हुए सेना के जैसा दिखने वाले वर्दी को पहनता है. तो भारतीय दंड संहिता की धारा 140 के तहत उसे छह साल तक सजा हो सकती है.