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बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे पर मेडिकल कॉलेज की जमीन हड़पने का आरोप, FIR दर्ज, निशिकांत बोले – आरोप साबित हुए, तो राजनीति से संन्यास ले लूंगा

पूरे मामले में भाजपा सांसद निशिकांत दुबे का पक्ष भी सामने आया है। निशिकांत दुबे ने कहा कि यह मेरे उपर 44वाँ केस है।

गोड्डा से बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे के ऊपर मेडिकल कॉलेज की जमीन हड़पने का मामला दर्ज हुआ है। भाजपा सांसद के साथ-साथ उनकी पत्नी अनामिका गौतम सहित 9 अन्य लोगों पर जसीडीह थाने में मामला दर्ज कराया गया है। मामला परित्राण मेडिकल कॉलेज से जुड़ा हुआ है। परित्राण मेडिकल कॉलेज के मालिक और बावनबिघा कस्टर टाउन देवघर के रहनेवाले शिव दत्त शर्मा (शंभु शर्मा) ने यह एफआईआर दर्ज कराया है। जिसमें परित्राण मेडिकल कॉलेज और अस्पताल को साजिश के तहत हड़पने, धोखाधड़ी करने सहित अन्य धारा 406, 409, 420, 467, 468, 471, 120बी, 34 के तहत मामला दर्ज कराया गया है।

दर्ज एफआईआर के मुताबिक शिव दत्त शर्मा जसीडीह थाना क्षेत्र के दर्दमारा के दम्मा के पास परित्राण मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (पीएमसीएच) खोलने वाले थे। कॉलेज भवन बनकर तैयार हो गया। इस कॉलेज को संचालन के लिए पीएनबी की अगुआई में बैंकों के संघ ने 93 करोड़ रुपए के ऋण को मंजूर किया था। लेकिन साल 2009 में मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया ने नियमों में बदलाव किया। इस बदलाव की शर्तों को पूरा नहीं कर पाने की वजह से कॉलेज खोलने की अनुमति नहीं मिल सकी। कॉलेज नहीं खुलने की वजह से बैंक ने मेरे लोन खाते को एनपीए घोषित कर दिया। बिना मेरी किसी गलती के बैंक कंसोर्टियम द्वारा समझौते का पालन न करने की बात कही गई।


दर्ज एफआईआर में शिव दत्त शर्मा (शंभू शर्मा) ने कहा है कि इस बात की जानकारी सांसद निशिकांत दुबे और उनकी पत्नी अनामिका गौतम को हुई, तो उन्होंने मालिक बनने की इच्छा जाहिर की। सांसद निशिकांत दुबे ने यह कहकर मेरा विश्वास जीता कि वो पीएमसीएच के लिए एक साझेदार ढूंढेंगे और इसे वित्तीय संकट से उबारेंगे। जिसके बाद 24 जून को उन्होंने कॉलेज के सभी दस्तावेज सौंपने की बात कही। कागजी कार्रवाई की प्रक्रिया को पूरा करने के लिए 25 लाख रुपए की मांग की। जिसे उन्होंने दो महीने में वापस करने का वादा किया। उनके डिमांड के मुताबिक़ मैंने उन्हें 20 लाख रुपए दिए। दर्ज एफआईआर में बताया गया है कि परित्राण मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (पीएमसीएच) परित्राण ट्रस्ट के तहत संचालित होना था। लेकिन बीते साल दिसंबर के दूसरे सप्ताह में मुझे पता चला कि 22 नबंवर 2023 को बाबा बैद्यनाथ मेडिकल ट्रस्ट नाम से एक नया ट्रस्ट पंजीकृत किया गया है। जिसका मुख्य कार्यालय धवनदीप बिल्डिंग, जंतर मंतर रोड, नई दिल्ली में है। जिसकी मालकिन अनामिका गौतम हैं, जबकि उनके दो बेटे ट्रस्टी हैं।

बाबा बैद्यनाथ मेडिकल ट्रस्ट के द्वारा डीआरटी पीएनबी ने नीलामी अधिसूचित की है। बाबा बैद्यनाथ मेडिकल ट्रस्ट ने नियमों को ताख पर रख कर 20 दिसंबर को 60 करोड़ रुपए पर नीलामी की अनुमति ले ली। यह अनुमति सांसद निशिकांत दुबे, अनामिका गौतम और संबंधित लोक सेवकों की मिलीभगत और साजिश का नतीजा था। दर्ज एफआईआर के मुताबिक 26 सितंबर को सेंट्रल जीएसटी ने राजबीर कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड से संबंधित परिसरों पर छापेमारी की। इस कंपनी के निदेशक बिमल कुमार अग्रवाल, पुनीत अग्रवाल और बीर कुमार अग्रवाल हैं।

यही लोग बाबा बैद्यनाथ मेडिकल ट्रस्ट में भी हैं। इस ट्रस्ट का अकाउंट देवघर एसबीआई में महज 15 हजार रुपए के साथ खुला। जिसके कुछ समय बाद ही इसमें करोड़ों रुपए ट्रांसफर किए गए। अकेले बिमल कुमार अग्रवाल ने 1.50 करोड़ रुपए डाले हैं। इसके अतिरिक्त अन्य कंपनियों ने भी पैसे डाले हैं।

बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे बोले – आरोप साबित हुए तो राजनीति से संन्यास ले लूंगा

पूरे मामले में भाजपा सांसद निशिकांत दुबे का पक्ष भी सामने आया है। निशिकांत दुबे ने कहा कि यह मेरे उपर 44वाँ केस है। झारखंड में कॉंग्रेस व झामुमो की सरकार बनने के बाद,हेमंत सोरेन जी जेल जा चुके हैं, मेरे उपर केस करते करते। अब CBI के कोर्ट से भगौड़ा घोषित एक अपराधी जिसके उपर हत्या,डकैती,बलात्कार और बैंक को चूना लगाने के दर्जनों केस लंबित हैं, उनको लेकर आए हैं। इस एफआईआर में यह कहा गया है कि मैंने 1 करोड़ दिया है। यदि झारखंड पुलिस यह साबित कर दे, तो मैं राजनीति छोड़ दूँगा। यह मेडिकल कॉलेज डीआरटी कोर्ट के नीलामी में ख़रीदा गया है। झारखंड हाईकोर्ट ने इसपर मुहर लगाई है। मैं इसका ट्रस्टी नहीं हूँ ,मैं भाजपा का सिपाही हूँ पूरे सोरेन परिवार को जेल भेजूँगा। इस फुटफुटिया से मेरा क्या होगा।

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