झारखंड में इस भ्रष्ट कंस्ट्रक्शन कंपनी को अब नहीं मिलेगा कोई काम, हेमंत सोरेन सरकार करने जा रही है ब्लैकलिस्ट, बौखलाई कंपनी पहुंची हाईकोर्ट
कंपनी ने काम छीने जाने के बाद हाईकाेर्ट का दरवाजा खटखटाया है. कंपनी ने पथ निर्माण विभाग व सरकार काे पार्टी बनाया है. हाईकाेर्ट में विवाद सुलझाने के लिए आर्बिट्रेटर काे केस साैंपा गया है.

रांची. झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार करप्शन पर जीरो टॉलरेंस की अपनी नीति के तहत अब एक बड़ा कदम उठाने जा रही है. सरकार बिहार के भागलपुर में हैंगिंग ब्रिज गिरने के मामले में आरोपी कंपनी एसपी सिंघला को झारखंड में ब्लैक लिस्ट करने जा रही है. इस कंपनी को रघुवर सरकार के दौरान झारखंड के जमशेदपुर में 165 करोड़ की लागत से गोविंदपुर एलिवेटेड कॉरिडोर के निर्माण का ठेका दिया गया था. मूल रूप से ये कंपनी हरियाणा की है. जिसे 2019 में जमशेदपुर के गोविंदपुर में अन्ना चौक से गोविंदपुर बाईपास तक फोर लेन एलिवेटेड कॉरिडोर (हैंगिंग ब्रिज) निर्माण का काम मिला था. सरकार की कोशिश है कि एसपी सिंघला कंपनी को आगे से झारखंड में कोई ठेका ना मिले.
झारखंड में भी खराब काम की वजह से कंपनी रही चर्चा में: झारखंड में जमशेदपुर के गोविंदपुर में अन्ना चौक से गोविंदपुर बाईपास तक 1.54 किमी लंबे फोर लेन एलिवेटेड कॉरिडोर का काम एसपी सिंघला कंपनी को मिला था. मगर कंपनी यहाँ भी काम नहीं कर पायी. कंपनी ने एलिवेडेट कॉरिडोर का डिजाइन ही गलत बना दिया था, जिसे बाद में विभाग ने खारिज कर दिया था. इसी कारण से कॉरिडोर का निर्माण आजतक शुरू नहीं हो पाया. बिहार के भागलपुर में निर्माणाधीन अगुवानी-सुल्तानगंज पुल भी यही कंपनी बना रही थी, ये पुल पहले भी एक बार ध्वस्त हो चुका था, मगर इस बार हैंगिंग ब्रिज पूरी तरह धराशायी होकर गंगा नदी में समा गया था. जिसने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा. पुल के ध्वस्त होने के बाद ये साबित हो चुका है कि कंपनी घटिया निर्माण कराती रही है. जिसके बाद हेमंत सोरेन सरकार इस कंपनी को काली सूची में डालने की तैयारी शुरू कर चुकी है.
सरकार के रुख के बाद विभाग ने भी सख्ती दिखाते हुए कंपनी को दिया गया गोविंदपुर बाईपास फोर लेन एलिवेटेड कॉरिडोर का काम वापस ले लिया है. साथ ही कंपनी के साथ करार रद्द करके कंपनी के लिए आवंटित 165 करोड़ की राशि वापस ले ली है. कंपनी ने काम छीने जाने के बाद हाईकाेर्ट का दरवाजा खटखटाया है. कंपनी ने पथ निर्माण विभाग व सरकार काे पार्टी बनाया है. हाईकाेर्ट में विवाद सुलझाने के लिए आर्बिट्रेटर काे केस साैंपा गया है.