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लीज आवंटन मामले में सीएम हेमंत सोरेन को झारखंड हाईकोर्ट से मिली बड़ी राहत, चीफ जस्टिस के रिटायरमेंट से पहले आया बड़ा फैसला

रांची. सीएम हेमंत सोरेन को झारखंड हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. खनन लीज पट्टा से जुड़े जनहित याचिका को मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा और न्यायाधीश आनंद सेन की खंडपीठ ने खारिज कर दिया है. यह जानकारी हाईकोर्ट के अधिवक्ता धीरज कुमार ने दी है. नवंबर महीने में ही मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, उनकी पत्नी कल्पना सोरेन और उनकी साली सरला मुर्मू के नाम लीज आवंटन मामले में दायर सुनील कुमार महतो की याचिका पर झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई थी. मुख्य न्यायाधीश संजय मिश्रा और न्यायाधीश आनंद सेन की खंडपीठ ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था.

पिछली सुनवाई में सरकार की तरफ से महाधिवक्ता राजीव रंजन और अधिवक्ता पियूष चित्रेश ने पक्ष रखा था. अधिवक्ता पियूष चित्रेश ने कोर्ट को बताया था कि पूर्व में भी इसी तरह की याचिका शिव शंकर शर्मा नामक शख्स ने दायर की थी, जो सुप्रीम कोर्ट में खारिज हो चुकी है. लिहाजा, सुनील कुमार महतो की याचिका में कुछ भी नया नहीं है. इसीलिए इस याचिका को खारिज किया जाना चाहिए.

कोर्ट में याचिकाकर्ता सुनील कुमार महतो के अधिवक्ता राजीव कुमार और विशाल कुमार ने दलील पेश की थी. उन्होंने कहा था कि शिव शंकर शर्मा की याचिका में सीएम के नाम पत्थर खनन लीज आवंटन का जिक्र था. उस याचिका के क्रेडेंशियल पर सवाल उठाया गया था. लेकिन इस याचिका में सीएम हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन की कंपनी सोहराय लाइव स्टॉक को नियम के खिलाफ सरकारी जमीन आवंटित करने का मामला है. इसी तरह का फेवर सीएम की साली सरला मुर्मू को भी पहुंचाया गया था. प्रार्थी की ओर से बताया गया था कि इस मामले की शिकायत संबंधित प्राधिकार में भी की गयी थी, लेकिन उसपर कोई कार्रवाई नहीं हुई. कोर्ट को बताया गया था कि सीएम हेमंत सोरेन के पास ही खान विभाग है. इसीलिए बिना उनकी सहमति के परिवार के लोगों को इस तरह का फेवर किया जाना संभव नहीं है. आज कोर्ट ने इसपर अपना फैसला सुना दिया है.

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