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डोरंडा की परी हत्याकांड में नौ साल बाद आया फैसला, दोषी शहीद को उम्र कैद, शाहजादी को दस साल की सजा

रांची. डोरंडा के दर्जी मुहल्ला की रहनेवाली बच्ची परी (शाजिया परबीन) की हत्या के नौ साल बाद पोक्सो के विशेष न्यायाधीश आसिफ इकबाल की अदालत ने दोषी शाहिद अख्तर को उम्र कैद की सजा सुनायी. वहीं शाहजादी खातून को दस साल की सजा सुनायी गयी. इसके अलावा शाहिद को 20 हजार व शाहजादी को दस हजार रुपये जुर्माना लगाया गया है. जुर्माना की राशि जमा नहीं करने पर शाहिद को एक साल व शाहजादी को छह माह की अतिरिक्त सजा काटनी होगी.

दोनों को 12 जुलाई को अदालत ने दोषी करार दिया था. इस मामले में विशेष लोक अभियोजक मोहन रजक ने पैरवी की. उन्होंने बताया कि शाहिद अख्तर को हत्या और शाहजादी खातून को हत्या की साजिश रचने के मामले में सजा सुनायी गयी.

अवैध संबंध व संपत्ति विवाद के कारण की हत्या

विशेष लोक अभियोजक मोहन रजक ने बताया कि अवैध संबंध को छिपाने व संपत्ति विवाद के कारण बच्ची की हत्या की गयी थी़ बच्ची शाहजादी खातून की भगिनी थी़ बच्ची के मामा अपनी भगिनी के नाम पर संपत्ति करना चाहते थे, लेकिन शाहजादी संपत्ति उसे देना नहीं चाहती थी़ उसी के कारण शाहजादी ने अपने पुरुष मित्र के साथ मिलकर बच्ची की हत्या कर दी थी.

उसी को आधार बना कर दोषियों को सजा सुनायी गयी़ घटना वर्ष 2013 की है़ सात साल बाद 2020 में दोनों आरोपियों को डोरंडा पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा था़ मामले में अभियोजन की ओर से तत्कालीन सिटी एसपी अनूप बिरथरे (वर्तमान में डीआइजी) सहित पांच एसपी व अन्य ने गवाही दी थी़ कुल 22 गवाहों की गवाही दर्ज करायी गयी थी़ उल्लेखनीय है कि इस घटना से पूरी रांची उद्वेलित हो उठी थी.

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