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कुड़मी/कुर्मी समाज को आदिवासी सूची में शामिल करने की मांग के खिलाफ रांची में आदिवासियों की महा’हुंकार’, प्रभात तारा मैदान में 33 जनजातीय समाज का शक्ति प्रदर्शन, लाखो लोग हुए शामिल, देखिये तस्वीरें..

आदिवासियों ने कहा कि जयराम महतो कुड़मी नेता बनना चाहते है तो बने, मगर आदिवासियों के अस्तित्व के साथ खेलेंगे तो उन्हें यह महंगा पड़ेगा

रांची. कुड़मी/कुर्मी समाज को आदिवासी सूची में शामिल करने की मांग के खिलाफ आज रांची के प्रभात तारा मैदान में 33 जनजातीय समूहों के लाखो लोग संयुक्त आदिवासी संगठनो के आह्वान पर जमा हुए।

पारम्परिक वेशभूषा और आदिवासी संस्कृति के हथियारों से लैस होकर आदिवासी हुंकार महारैली में पहुंचे लाखो लोगो ने कुड़मी/कुर्मी समाज को एसटी सूची में शामिल करने के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की।

महारैली में संताल, हो, मुंडा, भूमिज, खड़िया, बेदिया, लोहरा, कोरबा, बिरहोर, चेरो, भोक्ता, खरवार सहित 33 जनजाति समूह काफी संख्या में शामिल हुए। महारैली पूरे राज्य के संयुक्त आदिवासी संगठनों के आह्वान पर आयोजित की गयी थी।

जयराम महतो के खिलाफ दिखे आदिवासी: महारैली में शामिल होने पहुंचे आदिवासी समाज के लोग विधायक जयराम महतो से भी नाराज दिखे। लोगो का कहना था कि जयराम महतो केवल कुड़मी/कुर्मी समाज की बात करते है।

कुड़मियो को आदिवासी सूची में शामिल करने की मांग का खुलकर समर्थन करने के बाद उनका असल चेहरा आदिवासियों के सामने आ गया है। जयराम महतो या किसी भी कुड़मी/कुर्मी नेता के कहने से कुड़मी/कुर्मी आदिवासी नहीं बन जाएगा।

आदिवासियों ने कहा कि जयराम महतो कुड़मी नेता बनना चाहते है तो बने, मगर आदिवासियों के अस्तित्व के साथ खेलेंगे तो उन्हें यह महंगा पड़ेगा

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