
रांची. झारखंड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के नाम पर जल्द ही मुहर लग सकती है। नेता प्रतिपक्ष के नाम पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी का नाम अब तक सबसे आगे है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक इनके नाम की घोषणा भी जल्द ही की जा सकती है। इसके साथ ही विधानसभा में पार्टी का मुख्य सचेतक और सचेतक कौन होगा यह भी साफ हो जाएगा।
हाल के दिनों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बाबूलाल मरांडी की बैठक भी हो चुकी है। वैसे नेता प्रतिपक्ष की दौड़ में रांची विधायक सीपी सिंह भी हैं, पर मरांडी का नाम अभी आगे है। अगर बाबूलाल मरांडी को नेता प्रतिपक्ष बनाया गया तो सीपी सिंह को मुख्य सचेतक बनाया जा सकता है।
सोशल इंजीनियरिंग की होगी परीक्षा:
नेता प्रतिपक्ष, सचेतक और प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव में भाजपा के सोशल इंजीनियरिंग की परीक्षा होगी। बाबूलाल मरांडी को नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने के बाद पार्टी ओबीसी और सामान्य जाति के नेताओं को शेष पदों के लिए नियुक्त करेगी।
पार्टी अध्यक्ष के लिए रघुवर दास का नाम सबसे आगे:
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बीजेपी में पार्टी अध्यक्ष के लिए ओडिशा के पूर्व राज्यपाल रघुवर दास का नाम सबसे आगे चल रहा है। बाबूलाल मरांडी को नेता प्रतिपक्ष बनाये जाने के बाद रघुवर दास को पार्टी अध्यक्ष की कमान सौंपी जा सकती है।
बजट सत्र से पहले होगा नेता प्रतिपक्ष:
सरकार गठन के बाद विधानसभा का विशेष सत्र बिना नेता प्रतिपक्ष के बीता। पिछली सरकार में भी नेता प्रतिपक्ष का पद लंबे समय तक खाली रहा। जिस वजह से चर्चाएं भी होती रही। पर इस बार ऐसा नहीं होगा। चूंकि प्रतिपक्ष की संख्या कम है। सदन में अनंत ओझा, बिरंची नारायण, अमर कुमार बाउरी, रणधीर सिंह जैसे मुखर नेताओं की गैरमौजूदगी भी है।
ऐसे में भाजपा के पास बाबूलाल मरांडी जैसे सीनियर लीडर का बेहतर विकल्प है। वहीं भाजपा सदन के भीतर ओबीसी और सामान्य जातियों को भी जगह देने का प्रयास पार्टी करेगी। अगर नीरा यादव को सचेतक बनाया जाता है तो इससे महिलाओं को भी प्रतिनिधित्व मिलेगा। वहीं भाजपा सदन के भीतर सामाजिक समीकरण भी साधे रखेगी।