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रामदास सोरेन ने ली मंत्री पद की शपथ, झारखंड आंदोलन में गुरूजी शिबू सोरेन के साथ लड़ी थी अलग राज्य की लड़ाई, दो बार घाटशिला से बने विधायक

Ranchi. कोल्हान के दिग्गज नेता सह जेएमएम विधायक रामदास सोरेन ने आज राजभवन में मंत्री पद की शपथ ली। रामदास सोरेन के शपथ ग्रहण समारोह में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, विधायक सह सीएम की पत्नी कल्पना सोरेन समेत राज्य सरकार के सभी मंत्री और सत्ताधारी दल के कई विधायक शामिल हुए। शपथ ग्रहण के बाद रामदास सोरेन ने दिशोम गुरु शिबू सोरेन का उनके आवास जाकर आशीर्वाद लिया। शपथ ग्रहण समारोह के उपरान्त मीडिया से बात करते हुए रामदास सोरेन ने कहा की झामुमो में जब से वे शामिल हुए है, उन्होंने कभी पद की अभिलाषा से काम नहीं किया। हमेशा जल, जंगल, जमीन की लड़ाई लड़ी और आगे भी आदिवासियों के जल, जंगल, जमीन पर कोई आंच नहीं आने देंगे। चम्पाई सोरेन के भाजपा में शामिल होने पर उन्होंने कहा कि भाजपा कभी झारखंड के आदिवासियों-मूलवासियो की हितैषी नहीं रही। हमारे जल, जंगल, जमीन को लूटा। हमारे संसाधनों के साथ साथ झारखंड के अधिकारों को लूटती रही बीजेपी। अब चम्पाई सोरेन उसी बीजेपी में शामिल होने जा रहे है, जिन्होंने आदिवासी-मूलवासियो के हक़ अधिकारों को लूटा। झारखंड मुक्ति मोर्चा ने उन्हें पार्टी का सीनियर और समर्पित कार्यकर्ता होने के नाते मुख्यमंत्री का पद दिया था। उन्हें अपने फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए।

कोल्हान में है रामदास की मजबूत पकड़

घाटशिला से झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक रामदास सोरेन कोल्हान किंग कहे जाते है। उन्होंने आंदोलनों से अपनी एक अलग छाप छोड़ दी है। 1980 में उन्होंने जेएमएम से अपने राजनैतिक सफर की शुरुआत की थी। कोल्हान में मजबूत पकड़ रखने के बावजूद रामदास सोरेन ने पार्टी में निःस्वार्थ भाव से अपना योगदान दिया। 2019 में सरकार बनने के बाद चम्पाई सोरेन को मंत्री बनाये जाने से वे काफी खुश थे। रामदास हमेशा आदिवासियों को नीतिनिर्धारक की भूमिका में देखना पसंद करते है। उनके जेएमएम के प्रति निष्ठां को देखते हुए पार्टी ने उन्हें पूर्वी सिंघभूम जिले का अध्यक्ष बनाया। वे झामुमो के टिकट से विधायक भी बने, मगर मंत्री पद नहीं मांगा।

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