
पाकुड़: झारखंड के पाकुड़ में एक घर से 42 कोबरा के छोटे बच्चों का सफल रेस्क्यू किया गया। सांप ने आंगन में रखे पुआल के बीच अंडा दिया था। सभी अंडों से सांप के बच्चों को निकलता देख घर में रह रहे लोगों के बीच अफरातफरी मच गई। स्नैक रेस्क्यूर की मदद से सभी बच्चों को सुरक्षित पकड़ा गया और घने जंगल में छोड़ दिया गया।
लोगों ने तुरंत वन विभाग को दी सूचना:
घटना महेशपुर प्रखंड अंतर्गत घनश्यामपुर गांव की है। वन विभाग के कर्मी मो. असराफुल शेख ने बताया कि घनश्यामपुर गांव के केताबुल शेख के आंगन में रखे पुआल के बीच कई अंडे देखे गए। परिवार के सदस्य अंडों के पास गए तो उन्हें कोबरा के बच्चे नजर आए। 40 से ज्यादा सांप के बच्चों को देखकर लोग भयभीत हो गए और इसकी सूचना वन विभाग को दी।
वनकर्मी ने बताया कि सूचना मिलते ही टीम के साथ पहुंचे और सांप के बच्चों का सुरक्षित रेस्क्यू किया गया। सभी को घने जंगल में छोड़ दिया गया। वनकर्मी मो. असराफुल ने बताया कि सांप के बच्चे स्वस्थ हैं। अंडा देने वाले कोबरा का पता नहीं चल पाया है।
सूचना मिलते ही लोगों की जुट गई भीड़:
वनकर्मी ने बताया कि इन सांप के छोटे बच्चों के जहर का किसी पर भी तुरंत असर हो सकता है, जिससे एक घंटे में मरीज की मौत हो सकती है। इधर, सांप के बच्चों के पकड़े जाने की सूचना के बाद आसपास रहने वाले लोगों की भीड़ जुट गई।
बिना मच्छरदानी लगाकर नहीं सोने की सलाह:
वनकर्मी ने मौजूद ग्रामीणों से सांप के साथ छेड़छाड़ नहीं करने, सांप दिखाई देने पर इसकी सूचना तुरंत वन विभाग को देने की अपील की। उन्होंने वन्यप्राणी को नहीं मारने, सांप के काटने पर मरीज का झाड़फूंक या तंत्र-मंत्र नहीं करवा कर तुरंत नजदीकी अस्पताल ले जाने की सलाह दी। इसके साथ ही बरसात के मौसम में बिना मच्छरदानी लगाकर नहीं सोने और आसपास साफ-सफाई रखने की अपील की।