
अवैध खनन मामले की जांच कर रही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच के दायरे में अब पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास की सरकार भी आ गयी है. प्रेम प्रकाश, पंकज मिश्रा और कोलकाता के व्यवसायी संजय चौधरी और अमित अग्रवाल की मिलीभगत से पूर्व की सरकार के दौरान करोडो का अवैध खनन हुआ और राज्य के खनिज संसाधन की लूट हुई. ईडी की जांच में खुलासा हुआ है कि रघुवर सरकार के समय प्रेम प्रकाश की कंपनी ने बिना चालान के 233 रेलवे रैक में स्टोन चिप्स भेजे थे. ईडी ने 1000 करोड़ रुपये से अधिक के अवैध खनन से संबंधित अपनी चार्जशीट में कहा है कि प्रेम प्रकाश, पंकज मिश्रा के अलावा कोलकाता के व्यवसायी संजय चौधरी और अमित अग्रवाल की मिलीभगत से अवैध खनन में शामिल था. ईडी ने कहा है कि सीटीएस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (U24117WB2003PLC111345) जहां संजय चौधरी निदेशकों में से एक हैं, लंबे समय से वांछित खनन चालान के बिना रेलवे के माध्यम से स्टोन चिप्स के परिवहन में शामिल हैं. ईडी ने बीएससीआई, एसवीवाईई, एडीटीजी और कुछ अन्य कंपनियों को भी नामित किया है, जिन्हें सीटीएस इंडस्ट्रीज की सहायक कंपनी कहा जाता है.
ईडी ने बिहार के पीरपैंती रेलवे स्टेशन से वित्त वर्ष 2015-16 से 2022-23 के दौरान सीटीएस इंडस्ट्रीज और अन्य द्वारा किये गए रेलवे के माध्यम से स्टोन चिप्स के ढुलाई का विवरण प्रस्तुत किया है, जो साहिबगंज के करीब स्थित है. ईडी के अनुसार, इस अवधि के दौरान सीटीएस इंडस्ट्रीज और अन्य ने स्टोन चिप्स के परिवहन के लिए 268 रेलवे रैक बुक किये, जिनमें से 251 रैक बिना खनन चालान के भेजे गए. यह रघुवर दास के कार्यकाल के दौरान हुआ. रघुवर दास 28 दिसंबर 2014 से 29 दिसंबर 2019 तक झारखंड के मुख्यमंत्री रहे थे.
ईडी के द्वारा अदालत के समक्ष पेश रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2015-16 से 2019-20 तक, सीटीएस इंडस्ट्रीज और अन्य ने 233 रेलवे रैक में स्टोन चिप्स भेजे और किसी का भी कोई खनन चालान नहीं था. वित्त वर्ष 2018-19 में सबसे अधिक 117 रेक बुक किये गए, जिसमें किसी का भी कोई खनन चालान नहीं था. ईडी ने कहा कि 2015-16 के दौरान सीटीएस इंडस्ट्रीज और बीएससीआई द्वारा कुल 16 रेक बुक किये गए थे और स्टोन चिप्स बिना खनन चालान के भेजे गए थे. अजीब बात है कि अगले वित्तीय वर्ष में सीटीएस इंडस्ट्रीज द्वारा केवल एक रैक बुक किया गया था और उसका कोई खनन चालान नहीं था. वित्तीय वर्ष 2017-18 में, सीटीएस इंडस्ट्रीज ने एडीटीजी के साथ मिलकर 31 रैक बुक किए और भेजे. वित्त वर्ष 2019-20 में सीटीएस इंडस्ट्रीज और एसवीवाईई के नाम से बुक किए गए रेकों की संख्या 68 थी. इस तरह की अवैधता से सरकार को 100 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ.
ईडी ने कहा है कि प्रेम प्रकाश और संजय चौधरी का एक साथ मिलकर अवैध खनन करने का काम कर रहा था. जांच में खुलासा हुआ है कि प्रेम प्रकाश को संजय चौधरी से कई करोड़ रुपये मिले थे. प्रेम प्रकाश का अवैध खनन में शामिल पंकज मिश्रा और अन्य लोगों से हाथ मिला लिया गया था. उन्हें अवैध खनन की आय के रूप में बहुत रुपये प्राप्त हुआ, जिसका उपयोग उन्होंने व्यक्तिगत लाभ के लिए किया गया. ईडी ने कहा कि प्रेम प्रकाश ने अवैध गतिविधियों और बाहरी उद्देश्यों के लिए अपनी राजनीतिक निकटता और दबदबे का इस्तेमाल किया. उन्होंने प्रशासन को भी प्रभावित किया.