
Dhanbad/Jamtara. खुद को पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का हनुमान बताने वाले जामताड़ा से कांग्रेस विधायक इरफ़ान अंसारी चंपई सरकार बनने के बाद से ही नाराज चल रहे है। आज उनकी नाराजगी सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर बाहर भी आ गयी। जामताड़ा के बहुप्रतीक्षित फोर लेन वीरग्राम-बरबेंदियां पुल के शिलान्यास विज्ञापन में अपना नाम नहीं होने से नाराज इरफ़ान अंसारी ने एक्स पर लिखा – मुख्यमंत्री चंपई सोरेन जी, मैं आपका सम्मान करता हूं लेकिन जिस प्रकार बीरबिंदिया पुल के शिलान्यास कार्यक्रम के सभी अखबार विज्ञापन मे मेरा नाम नहीं दिया गया, वह सरासर गलत है और जानबूझकर मुझे अपमानित किया गया है। इसे किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं करूंगा। सम्मान के साथ समझौता नहीं करूंगा। इरफ़ान अंसारी ने कांग्रेस कार्यकर्ताओ से विधायक आवास पहुंचने की अपील की है।
मुख्यमंत्री @ChampaiSoren जी,
मैं आपका सम्मान करता हूं लेकिन जिस प्रकार बीरबिंदिया पुल के शिलान्यास कार्यक्रम के सभी अखबार विज्ञापन मे मेरा नाम नहीं दिया गया वो सालासर गलत है और जानबूझकर मुझे अपमानित किया गया है। इसे किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं करूंगा।सम्मान के साथ समझौता नहीं pic.twitter.com/xZPzbrS8HC— Dr. Irfan Ansari (@IrfanAnsariMLA) March 10, 2024
आपको बता दे कि जामताड़ा जिले को धनबाद से जोड़ने के लिए बराकर नदी पर बनने वाले इस बहुप्रतीक्षित पुल के लिए स्थानीय लोगो ने लंबा इंतज़ार किया है। इस पुल का इतिहास 14 साल पुराना है। साल 2007 में इस पुल का निर्माण शुरू हुआ। कई सरकारे आयी और गयी, मगर पुल का निर्माण कभी पूरा नहीं हुआ। अब भी लोगो को बराकर नदी पार करने के लिए नांव का सहारा लेना पड़ता है। हेमंत सोरेन ने 2019 के अपने घोषणापत्र में इस पुल के निर्माण को पूरा करने का वादा किया था। सितंबर 2021 में विधानसभा से इस पुल के शिलान्यास की घोषणा की गयी थी। आज 10 मार्च, 2024 के दिन इस पुल का शिलान्यास मुख्यमंत्री चंपई सोरेन करेंगे। स्थानीय लोग बताते है कि इस पुल के निर्माण के लिए जामताड़ा के विधायक इरफ़ान अंसारी और यहां के जनप्रतिनिधियों ने लंबा संघर्ष किया है। 24 फरवरी, 2022 के दिन भारी बारिश की वजह से नदी पार कर रहे नांव में सवार 14 लोगो की नांव पलटने से मौत हो गयी थी। इस हादसे ने पुल निर्माण के प्रति स्थानीय जनप्रतिनिधियों के संघर्षो को और बल दिया और पुल निर्माण की मांग तेज हो गयी थी।