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जिस मुन्ना बजरंगी का शागिर्द बनकर अपराध जगत में आया था अमन, उसी की तरह मारा गया, जानिये कैसे यूपी की मामूली गलियों से निकलकर 30 लाख रुपये महीने कमाने वाला कुख्यात गैंगस्टर बन गया था अमन..

अमन धनबाद जेल के अंदर से माफियागिरी को अंजाम दे रहा था. उसके जेल में रहते हुए भी उसके नाम पर रंगदारी और हिस्सेदारी उठायी जा रही थी. मुन्ना बजरंगी की तरह बनने की उसकी चाहत ने उसे मौत के मुह में धकेल दिया.

Dhanbad/Ranchi. धनबाद मंडल कारा में 3 दिसंबर को हुए शूटआउट में कुख्यात गैंगस्टर अमन सिंह की मौत हो गयी. अपराध जगत में नाम कमाने की हसरत लेकर यूपी के आंबेडकर नगर की मामूली गलियों से निकलकर मोस्टवांटेड गैंगस्टर बनने का सफर तय करने वाले अमन को नौ गोलियों से जेल के अंदर ही भून दिया गया. अब इस चर्चित हत्याकांड की जांच के लिए विशेष जांच दल धनबाद पहुंच गयी है. राज्य के अतिसंवेदनशील जेल के अंदर तमंचे से बंदी की हत्या करने की वारदात ने पूरे राज्य को हिला कर रख दिया है.

अपराध जगत का बादशाह बनने से पहले अमन की जिंदगी अपराधियों जैसी नहीं थी. आंबेडकर नगर के एक छोटे से गांव में पले बढे अमन के गांव वाले बताते है कि साल 2010 में अमन की लड़ाई किसी मामूली सी बात पर अपने ही गांव के कुछ लड़को से हो गयी थी. इस झड़प के बाद पुलिस ने कुछ लोगो को गिरफ्तार किया था, जिसमे अमन भी शामिल था. उस समय अमन को अपराध की एबीसीडी मालूम नहीं थी. गिरफ्तारी के बाद अमन को फ़ैजाबाद के जेल भेज दिया गया. जहां एक मामूली से अमन की मुलाकात यूपी के कुख्यात गैंगस्टर मुन्ना बजरंगी से हुई थी. मुन्ना की संगत ने अमन को अपराध की दुनिया की ओर आकर्षित किया. मुन्ना बजरंगी उस समय यूपी के बड़े गैंगस्टर्स में था. उसके नाम से बड़े बड़े अपराधी भी कांपते थे.

मुन्ना की ठसक ने अमन को उसका शागिर्द बना दिया. अब अमन मुन्ना के नक़्शे कदम पर चलने लगा था. अमन के परिवार को उसके अपराध जगत की भनक भी नहीं थी. मुन्ना के कहने पर अमन ने साल 2015 में पहला शूटआउट किया. आज़मगढ़ के अरतौलिया इलाके में डॉक्टर सरोज को उसने गोली मार दी, जिसके बाद अमन को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया. दो साल तक जेल की सजा काटने के बाद अमन को रिहा कर दिया गया, मगर अबतक अमन के दिलो दिमाग में अपराध ने घर कर लिया था.

जेल से रिहा होने के बाद अमन झारखंड आ गया. जहां उसने बड़ा मर्डर प्लान किया. धनबाद के निरसा से विधायक पूर्णिमा सिंह के दिवंगत पति सह धनबाद के पूर्व मेयर नीरज सिंह की हत्या करने के बाद अब अमन किसी नाम का मोहताज नहीं रहा था. पूरा धनबाद अब मानो अमन के इशारो पर चल रहा था. धनबाद में कोयले का खनन हो, या कोयले की तस्करी. अमन को 30% की हिस्सेदारी मिलती थी. नीरज सिंह हत्याकांड के बाद पुलिस ने अमन को गिरफ्तार कर धनबाद जेल भेज दिया था, मगर कहा जाता है कि अमन धनबाद जेल के अंदर से माफियागिरी को अंजाम दे रहा था. उसके जेल में रहते हुए भी उसके नाम पर रंगदारी और हिस्सेदारी उठायी जा रही थी. मुन्ना बजरंगी की तरह बनने की उसकी चाहत ने उसे मौत के मुह में धकेल दिया.

हर महीने 30 लाख रुपये कमाता था अमन: कुख्यात गैंगस्टर अमन सिंह ने अपराध जगत में इतनी शोहरत हासिल कर ली थी कि हर महीने 30 लाख रुपये उसे रंगदारी से मिलते थे. अमन के नाम अकूत संपत्ति थी. उसने नेपाल, बिहार, झारखंड, यूपी और बंगाल में कई संपत्तियां अर्जित कर ली थी. अमन की काली कमाई का खुलासा तब हुआ जब 2022 में पुलिस ने अमन के भाई अजय को दबोच लिया था. अजय सिंह ने पुलिस के सामने कबूल किया था कि उसके भाई ने काली कमाई से करोडो की संपत्ति अर्जित कर ली है.

कौन था मुन्ना बजरंगी: अमन के गुरु मुन्ना बजरंगी की हत्या भी उसी की तरह जेल के अंदर कर दी गयी थी. बागपत जेल में सजा काट रहे यूपी के डॉन मुन्ना बजरंगी को 9 जुलाई, 2018 को जेल के अंदर ही गोलियों से भून दिया गया था. मुन्ना का असली नाम प्रेम प्रकाश था मगर अपराध की दुनिया में आने के बाद उसने अपना नाम मुन्ना बजरंगी कर लिया था. मुन्ना का जन्म यूपी के जौनपुर जिले के एक छोटे से गांव में हुआ था. क्लास 5 तक पढ़ाई करने के बाद मुन्ना ने पढाई छोड़ दी थी और कालीन बुनने के काम में लग गया था. मुन्ना जब 17 साल का था, तब ही उसने जुर्म की दुनिया को गले लगा लिया था. 1993 में मुन्ना तब सुर्खियों में आया जब उसने जौनपुर के लाइन थाना इलाके में भाजपा नेता समेत तीन अन्य लोगो गोली मार दी थी. 1995 में उसने एक छात्र नेता को मौत के घाट उतार दिया था. 1996 में उसने जमालपुर में ब्लॉक प्रमुख समेत तीन अन्य लोगो को गोलियों से भून दिया था. अपराध की दुनिया में तेजी से आगे बढ़ने के बाद उसकी ठसक ने राजधानी दिल्ली को भी दहला दिया था.

मुन्ना आगे चलकर यूपी के कुख्यात गैंगस्टर मुख़्तार अंसारी के गिरोह में शामिल हो गया. कुछ सालो तक अंडरग्राउंड रहने के बाद साल 2005 में उसने मुख़्तार अंसारी के कहने पर भाजपा नेता कृष्णानंद रॉय की हत्या कर दी थी. इस हत्याकांड के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया. लंबे समय तक मुन्ना जेल में ही बंद रहा.

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