
रांची. झारखंड में आदिवासी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विरोधियों को एक और बड़ा झटका लगा है. झारखंड ने अर्थव्यवस्था के मामले में गुजरात जैसे विकसित राज्य को भी पीछे छोड़ दिया है. एक ओर जहां हेमंत विरोधी लगातार सीएम हेमंत सोरेन और उनकी सरकार को विकास के नाम पर घेरने की कोशिश करते दिखाई देते है, वहीं अब एक ऐसी खबर सामने आयी है, जिससे हेमंत सोरेन के विकास को “विरोध के नाम पर” नकारने वालों की बोलती बंद हो जाएगी. कोरोना काल से उबरते हुए झारखंड की अर्थव्यवस्था तेजी से पटरी पर लौट रही है. आदिवासी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के मजबूत नेतृत्व और दूरदर्शी सोंच के कारण अब झारखंड देश में वित्तीय प्रबंधन के मामले में पांचवी सबसे मजबूत अर्थव्यवस्था बन गया है. झारखंड ने देश के सबसे विकसित राज्य गुजरात तक को वित्तीय प्रबंधन में पीछे छोड़ दिया है. डॉयचे बैंक इंडिया के हाल ही जारी रिपोर्ट में झारखंड की राजकोषीय स्थिति को देश के बाकी राज्यों से काफी बेहतर बताया गया है. बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री कौशिक दास के मुताबिक वित्तीय स्थिति के मामले में झारखंड ने गुजरात को भी पीछे छोड़ दिया है. झारखंड पहले नौवें स्थान पर था, जो साल 2022-23 में पांचवे स्थान पर पहुंच गया है. वहीं जिस गुजरात मॉडल का लोहा पूरे देश में माना जाता था, वो गुजरात वित्तीय प्रबंधन के मामले में पांचवे पायदान से लुढ़ककर सातवें पायदान पर आ गया है. 17 राज्यों की वित्तीय स्थिति पर तैयार इस रिपोर्ट के मुताबिक 2022-23 में महाराष्ट्र पहले स्थान पर है, वहीं दूसरे स्थान पर छत्तीसगढ़, तीसरे स्थान पर ओडिशा, तेलंगाना चौथे और झारखंड पांचवे स्थान पर है. रिपोर्ट के मुताबिक सबसे खराब स्थिति पश्चिम बंगाल, पंजाब, बिहार, राजस्थान और उत्तरप्रदेश की है. जाहिर है, झारखंड में आदिवासी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के मजबूत इरादों के आगे ‘बीमारू राज्य’ होने का तमगा पीछे छूट रहा है. सीएम हेमंत सोरेन के प्रयासों की वजह से झारखंड अब विकास के मामलों में नया कीर्तिमान रचते हुए गुजरात जैसे विकसित राज्यों से भी आगे निकल रहा है. जिसकी जमकर सराहना भी की जा रही है.