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मिसाल: रांची के अब्दुल हसन ने रामनवमी पर बनाया देश का सबसे बड़ा महावीरी झंडा, उठाने के लिए मंगवाना पड़ा क्रेन

रांची. मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम जी के जन्मोत्सव का महापर्व रामनवमी यूं तो पूरे देश में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. मगर इस बार अपनी रांची ने रामनवमी में अभूतपूर्व रिकॉर्ड बनाकर देश के मानचित्र पर स्वयं को स्थापित कर दिया है. राजधानी रांची के धुर्वा टंकी साइड में झारखंड ही नहीं बल्कि पूरे विश्व का सबसे बड़ा महावीरी झंडा लहराया गया. रामनवमी के विशेष मौके पर लहराए गए इस महावीरी ध्वज को उठाने के लिए क्रेन की मदद ली गई. करीब 200 लोगों ने झंडे को सहारा दिया, तब जाकर यह झंडा खड़ा हो सका. महावीरी झंडा फहरते ही इसने देश के फलक पर रांची का नाम रौशन कर दिया. इस उपलब्धि पर अब धुर्वा पानी टंकी साइड रामनवमी समिति के लोगों का कहना है कि हम पिछले 3 दिन से झंडा को खड़ा करने में लगे थे. लेकिन झंडा काफी बड़ा और भारी होने के कारण संतुलन बार-बार बिगड़ जा रहा था. तीन बार झंडे का बांस भी टूट गया था. इसलिए झंडे को उठाने के लिए अंततः क्रेन की मदद ली गई. पिछले साल इसी जगह पर 650 मीटर का झंडा फहराया गया था. जो बिहार झारखंड का सबसे बड़ा महावीरी ध्वज था. इस बार उस रिकॉर्ड को भी तोड़ दिया गया है.

 

ख़ास बात ये है कि इस महावीरी झंडे को बनाने के पीछे भी सामाजिक सौहाद्र की अनूठी मिसाल पेश की गयी है. पूरे देश में रिकॉर्ड बनाने वाले रांची के इस सबसे बड़े महावीरी झंडे को रांची के ध्वज कारीगर अब्दुल हसन और उनकी टीम ने दिन रात की मेहनत से तैयार किया है. अब्दुल पिछले कई सालो से महावीरी झंडा बनाते आ रहे है. मगर अब्दुल के लिए भी यह किसी उपलब्धि से कम नहीं, जब उनका बनाया गया महावीरी झंडा पूरे देश में सबसे बड़ा महावीरी झंडा बन गया है.

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