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सुखद : हेमंत सरकार की कोशिश रंग लायी, घर लौटने की आस छोड़ चुके तजाकिस्तान में फंसे झारखंडी मजदूरों की हुई सकुशल घर वापसी

तजाकिस्तान में फंसे इन 44 श्रमिकों ने अपनों से मिलने की उम्मीद भी छोड़ दी थी. ये मजदूर गिरिडीह, बोकारो और हज़ारीबाग़ जिले के रहने वाले है. श्रमिकों ने हेमंत सोरेन सरकार से घर लौटने की गुहार लगाते हुए वीडियो पोस्ट किया था.

रांची. तजाकिस्तान में फंसे झारखंडी मजदूरों को उनके राज्य वापस एयरलिफ्ट कर लाया गया है. हेमंत सरकार की दिन रात की कोशिशों का ही नतीजा है कि दुनिया में कहीं भी झारखंडी अगर फंसे है, तो उन्हें तत्काल सहायता मुहैया कराई जा रही है. तजाकिस्तान में फंसे इन 44 श्रमिकों ने अपनों से मिलने की उम्मीद भी छोड़ दी थी. ये मजदूर गिरिडीह, बोकारो और हज़ारीबाग़ जिले के रहने वाले है. श्रमिकों ने हेमंत सोरेन सरकार से घर लौटने की गुहार लगाते हुए वीडियो पोस्ट किया था. वीडियो जैसे ही झारखंड के मुखिया हेमंत सोरेन तक पहुंची. पूरा महकमा मजदूरो की सकुशल घर वापसी के प्रयासों में जुट गया.

तजाकिस्तान में नारकीय जीवन बिताने को थे मजबूर, घर आने की आस भी छोड़ चुके थे :

झारखंड के 44 मजदूर तजाकिस्तान में नारकीय जीवन बिताने को मजबूर थे. विष्णुगढ़ के एजेंट द्वारा ट्रांसमिशन लाइन में काम दिलवाने के नाम पर इन मजदूरों को तजाकिस्तान ले जाया गया था. इन्हे अच्छी आमदनी के साथ साथ रहने के लिए हर सुविधा मुहैया कराने का वादा किया गया था. तीन माह तक तो इन्हे नियमित भुगतान किया गया. मगर तीन महीने के बाद मजदूरों के भुगतान पर भी रोक लगा दिया गया. जिससे इन मजदूरों के सामने भूखे मरने की नौबत आ गयी. दिन भर मजदूरी करने के बाद भी इन्हे ना तो पैसा दिया जा रहा था, ना खाने के लिए भोजन की पर्याप्त व्यवस्था की जा रही थी. उलटा कंपनी ने मजदूरों का शारीरिक शोषण भी शुरू कर दिया था. आलम ऐसा हो गया था की इन परेशान मजदूरों ने अपने घर वापसी की उम्मीदे भी छोड़ दी थी. तंग आकर इन मजदूरों ने एक दिन सोशल मीडिया पर हेमंत सरकार से घर वापसी की गुहार लगाते हुए वीडियो पोस्ट कर दिया. वीडियो सरकार तक पहुंचते ही हेमंत सोरेन सरकार तत्काल एक्शन में आ गयी. सरकार की ओर से लगातार झारखंडी मजदूरों की वापसी के लिए भारतीय विदेश मंत्रालय को पत्राचार किया गया. जिला प्रशासन और राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष भी पूरी तरह सक्रीय हो गया. अंततः सभी के सार्थक प्रयासों से इन मजदूरों की घर वापसी हो पायी.

इन मजदूरों की हुई सकुशल घर वापसी :

घर लौटने वाले मजदूरों में बेरमो अनुमंडल के गोमिया प्रखंड के सिधाबारा निवासी मुकेश महतो, महुआटांड़ के टीको महतो, बोकारो थर्मल निवासी कमलेश अगरिया सहित गिरिडीह के बगोदर प्रखंड के अडवारा के संतोष महतो, सरिया प्रखंड अंतर्गत लुतयानो के तेजो महतो, चिचाकी के दशरथ महतो, नुनूचंद महतो, गणेश महतो, डुमरी प्रखंड अंतर्गत दुधपनियां के नंदू कुमार महतो, खेचगढी के प्रदीप महतो, चेगडो सोहन महतो, गिरि महतो, डुमरी के बीरेन्द्र कुमार, घुजूडीह के नकुल महतो, हजारीबाग जिले के बिष्णुगढ अंतर्गत खरना तिलेश्वर महतो, प्रदीप गंजु, रामेश्वर महतो, महाबीर महतो, रीतलाल महतो, गोवेर्धन महतो, मितलाल महतो, भलुआ के जगदीश महतो, बासुदेव महतो, प्रेमचंद महतो, बरहमदेव महतो, गोविंदपुर बालेश्वर महतो, आशोक सिंह, जोबर के आयोध्या महतो, उमेश महतो, टेकलाल महतो, तालो महतो, बीरू सिंह, संतोष महतो, बंदखारो के मंगर महतो, नारायण महतो, कृष्णा कुमार मंडल, दिलीप महतो, विनय महतो, मनोज कुमार महतो, त्रिभुवन महतो, लालदेव महतो, बसंत मंडल तुलसी महतो, नेरकी के रोहित सिंह शामिल हैं.

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