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जनजातीय महोत्सव 2023: कला, संस्कृति और मनोरंजन से भरपूर होगा इस बार का महोत्सव, झारखंडी आभूषणों से लेकर अभिनय तक को मिलेगा मंच

रांची. 9 और 10 अगस्त, 2023 को रांची के बिरसा मुंडा स्मृति उद्यान, जेल चौक में होने वाले जनजातीय महोत्सव में इस बार झारखंड की जनजातीय कला-संस्कृति का अद्भुत, अनूठा समागम देखने को मिलेगा. दो दिवसीय इस राष्ट्रस्तरीय कार्यक्रम में लगभग 72 स्टॉल की प्रदर्शनी लगायी जायेगी, जिनमें मुख्यतः जनजातीय समूहों के कई स्टॉल होंगे.

32 जनजातीय समूह के 32 स्टॉल की प्रदर्शनी

झारखंड आदिवासी महोत्सव-2023 में राज्य के 32 जनजातीय समूह के 32 स्टॉल की प्रदर्शनी लगायी जायेगी. झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी (जेएसएलपीएस) की ओर से ये स्टॉल लगाये जायेंगे. जिसमें राज्य के सभी 32 जन जातियों के कला-संस्कृति की झलक देखने को मिलेगी. साथ ही राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के तहत जनजातीय स्वयं सहायता समूह के 05 स्टॉल भी लगाये जायेंगे. 06 स्टॉल कल्याण विभाग तथा 1-1 स्टॉल खादी और झारक्राफ्ट के भी होंगे.

झारखण्ड की स्वर कोकिला करेंगी अपने मधुर स्वर से कार्यक्रम की शुरुआत 

झारखण्ड की स्वर कोकिला कही जाने वालीं मोनिका मुंडू झारखण्ड जनजातीय महोत्सव 2023 में अपनी जादुई स्वर से मंत्रमुग्ध करेंगी. विभिन्न भाषाओं में अपनी पकड़ रखने वाली मोनिका मुंडू ने करीब एक हजार से अधिक म्यूजिक एल्बम्स में गाने गाए हैं. 1993 के दशक में शुरू हुआ मोनिका मुंडू का नागपुरी संगीत की दुनिया में स्वर्णिम दौर आज भी जारी है.

मोनिका मुंडू ने फोलोरा, नदिया किनारे, न्यारी, हंसा जोड़ी जैसी कई बेहतरीन हिट नागपुरी म्यूजिक एल्बम में अपना स्वर का जादू बिखेरा हैं. इनकी प्रतिभा सिर्फ संगीत तक ही नहीं बल्कि अभिनय की दुनिया में भी इन्होंने अपनी एक अलग पहचान बनाई है. झारखण्ड के रत्न महेंद्र सिंह धोनी पर बनी फिल्म एम एस धोनी में भी इन्होंने अभिनय किया है. इसके अलावा नागपुरी, बांग्ला, खोरठा, भोजपुरी फ़िल्मों में अपने अभिनय का लोहा मनवाया चुकी है.


पारंपरिक आदिवासी आभूषणों की प्रदर्शनी: जनजातीय महोत्सव 2023 में पारंपरिक आदिवासी आभूषणों और पलाश ब्रांड के उत्पादों के भी स्टॉल लगाए जाएंगे. जेएसएलपीएस, ग्रामीण विकास विभाग द्वारा स्टॉल लगाकर सखी मण्डल की महिलाओं द्वारा निर्मित उत्पादों (पलाश ब्रांड एवं आदिवा ब्रांड) की प्रदर्शनी एवं बिक्री की जायेगी. पलाश ब्रांड के तहत राज्य भर की ग्रामीण महिलाएं खाद्य और गैर-खाद्य उत्पादों के उत्पादन, प्रसंस्करण और विपणन के माध्यम से अपनी आजीविका सुनिश्चित करती हैं.

आदिवासी आभूषणों का ब्रांड “अदिवा” : आदिवा ब्रांड के तहत पारंपरिक आभूषणों का मूल्यवर्धन कर बाजार में उपलब्ध कराया जा रहा है, ताकि आदिवासी पारंपरिक कला एवं संस्कृति लोगों तक पहुँच सके. जनजातीय महोत्सव में लोक पारंपरिक आदिवासी आभूषणों को देख और खरीद पाएंगे.

इसके अलावा झारखण्ड के स्वदेशी ब्रांड “पलाश” के स्टॉल में 30 से ज्यादा उत्पादों की प्रदर्शनी एवं बिक्री की जायेगी. जैसे-शुद्ध शहद, कोल्ड-प्रेस्ड सरसों का तेल, काला गेहूं का आटा, हल्दी, मिर्च पाउडर, रागी का आटा, रसायन-मुक्त साबुन, कुकीज़, आदि.

आजीविका दीदी कैफे” में उठायें आदिवासी व्यंजनों का लुत्फ:

महोत्सव में आने वालो को यूँ तो कई तरह के लजीज और पारम्परिक व्यंजनों का स्वाद चखने का मौका मिलेगा. इन्ही में से एक ‘आजीविका दीदी कैफे’ का स्टॉल भी होगा. जिसमें लोग झारखंड के पारंपरिक व्यंजनों जैसे राइस डंबु, मडुवा डंबू, धुस्का घुघनी, मडुआ पकौड़ा, माढ़ जोर, दाल पीठा आदि का लुत्फ उठा सकेंगे.

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