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बिहार के बाद पूरे देश में SIR लागू करने की तैयारी, राष्ट्रव्यापी एसआईआर को लेकर चुनाव आयोग की सभी राज्यों के साथ पहली बैठक खत्म, एक मतदान केंद्र पर अधिकतम 1200 मतदाता, अपात्र मतदाता वोटर सूची से हटाए जायेंगे, जानिये पूरी खबर

नयी दिल्ली: बिहार के बाद अब देशभर में राष्ट्रव्यापी SIR (स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन) लागू करने की तैयारी शुरू कर दी गयी है। इस संबंध में आज चुनाव आयोग ने सभी राज्यों के मुख्य चुनाव आयुक्तों के साथ दिल्ली में बड़ी बैठक की। भारत निर्वाचन आयोग की ओर से नई दिल्ली स्थित भारतीय अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र एवं चुनाव प्रबंधन संस्थान (IIIDEM) में बैठक आयोजित की गयी। सम्मेलन का उद्घाटन मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने चुनाव आयुक्तों डॉ. सुखबीर सिंह संधू और डॉ. विवेक जोशी की उपस्थिति में किया। इस दौरान निर्वाचन आयोग ने राष्ट्रव्यापी एसआईआर अभ्यास के लिए सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों के कार्यालयों की तैयारियों का आकलन किया।

बैठक के दौरान बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी द्वारा अपनाई गई रणनीतियों, बाधाओं और सर्वोत्तम प्रथाओं पर एक प्रस्तुति दी गई ताकि देश के बाकी हिस्सों के मुख्य निर्वाचन अधिकारी उनके अनुभवों से सीख सकें। मुख्य निर्वाचन अधिकारियों ने अपने-अपने राज्य/केंद्र शासित प्रदेश में मतदाताओं की संख्या, अंतिम एसआईआर की अर्हता तिथि और अंतिम पूर्ण एसआईआर के अनुसार मतदाता सूची पर विस्तृत प्रस्तुतियाँ दीं। मुख्य निर्वाचन अधिकारियों ने राज्य/केंद्र शासित प्रदेश की मुख्य निर्वाचन अधिकारी वेबसाइट पर पिछले एसआईआर के बाद मतदाता सूची के डिजिटलीकरण और अपलोडिंग की स्थिति भी प्रस्तुत की। उन्होंने राज्य/संघ राज्य क्षेत्र में पिछले एसआईआर के अनुसार वर्तमान मतदाताओं के साथ मानचित्रण की स्थिति भी दी। यह सुनिश्चित करने के लिए कि किसी भी मतदान केंद्र पर 1,200 से अधिक मतदाता न हों, आयोग की पहल का एक समान कार्यान्वयन हो, मतदान केंद्रों के युक्तिकरण की स्थिति की भी समीक्षा की गई।

मुख्य कार्यकारी अधिकारियों ने यह सुनिश्चित करने के उद्देश्य से सुझाए गए दस्तावेज भी प्रदान किए कि कोई भी पात्र नागरिक मतदाता सूची से छूट न जाए और कोई भी अपात्र व्यक्ति इसमें शामिल न हो। यह दोहराया गया कि इन दस्तावेजों को पात्र नागरिकों के लिए प्रस्तुत करने में आसानी को बढ़ावा देना चाहिए। आयोग ने डीईओ, ईआरओ, एईआरओ, बीएलओ और बीएलए की नियुक्ति और प्रशिक्षण की स्थिति की भी समीक्षा की।

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