
नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) ने टाटा स्टील लांग प्रोडक्ट्स को टाटा स्टील में मर्जर को मंजूरी दे दी है। बीते हफ्ते कंपनी ने तिमाही नतीजों का ऐलान किया था। कंपनी ने जानकारी दी है कि उसका कंसोलिडेटेड घाटा पिछले साल के मुकाबले 646 करोड़ रुपए से घटकर 438 करोड़ रुपए पहुंच गया है, यानी इसमें 32 फीसदी की कमी आई है। कंसोलिडेटेड आय 1869 करोड़ से बढ़कर 2948 करोड़ रुपए पहुंच गया है।
इसमें पिछले साल के मुकाबले 57.73 प्रतिशत की बढ़त रही। टाटा स्टील लॉन्ग प्रोडक्ट्स में करीब 75 फीसदी हिस्सेदारी टाटा स्टील की है। कंपनी स्टील, स्पॉन्ज आयरन और वायर रॉड्स प्रोडक्ट्स का निर्माण करती है। कंपनी के उत्पाद खासतौर पर ऑटो सेक्टर और वायर रोप इंडस्ट्री के लिए है। टाटा स्टील कंपनी लॉन्ग प्रोडक्ट्स और छह अन्य सहायक कंपनियों का अपने साथ विलय करेगी। एक नियामक फाइलिंग में टाटा स्टील लॉन्ग प्रोडक्ट्स ने कहा- एनसीएलटी की कटक पीठ ने 18 अक्टूबर को टाटा स्टील के साथ कंपनी के विलय की योजना को मंजूरी दी।
इससे पहले टाटा स्टील के एमडी टीवी नरेंद्रन ने कहा था- सहायक कंपनियों का खुद में विलय 2023-24 में पूरा होने की उम्मीद है। टाटा स्टील में विलय होने वाली सहायक कंपनियों में टाटा स्टील लॉन्ग प्रोडक्ट्स, द टिनप्लेट कंपनी ऑफ इंडिया, टाटा मेटालिक्स, टीआरएफ, इंडियन स्टील एंड वायर प्रोडक्ट्स, टाटा स्टील माइनिंग और एसएंडटी माइनिंग शामिल हैं।