
नयी दिल्ली. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने आज “विकसित भारत-रोजगार और आजीविका मिशन (ग्रामीण) गारंटी बिल, 2025 (वीबी-जी राम जी)” को मंजूरी दे दी। राष्ट्रपति की मंजूरी के साथ यह बिल कानून बन गया। इससे पहले यह बिल संसद के दोनों सदनों से पास हो चुका था। नए कानून के तहत अब ग्रामीण परिवारों को प्रति वित्त वर्ष 125 दिन का वैधानिक मजदूरी रोजगार सुनिश्चित किया जाएगा, जो पहले 100 दिन था। सरकार इस बिल को अगले साल (2026) से 1 अप्रैल से लागू करने की तैयारी में है। यह प्रस्तावित कानून 20 साल पुराने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) की जगह लेगा। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय के मुताबिक यह बिल मनरेगा की जगह लेगा और इसे विकसित भारत 2047 के विजन के अनुरूप तैयार किया गया है। सरकार का मकसद ग्रामीण क्षेत्रों में आय सुरक्षा को मजबूत करने के साथ टिकाऊ और उत्पादक परिसंपत्तियों का निर्माण करना है, ताकि समावेशी और संतुलित विकास को बढ़ावा मिल सके।



