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संयुक्त राष्ट्र तक पहुंचा जादूगोड़ा का जख्म, विस्थापन और विकिरण पर वैश्विक संज्ञान पर बल

रांची/जेनेवा: झारखंड के जादूगोड़ा में यूरेनियम खनन और उसके विकिरण से हो रहे सामाजिक नुक्सान का मामला संयुक्त राष्ट्र तक पहुंच गया है। झामुमो के केंद्रीय प्रवक्ता सह पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी ने इस गंभीर मामले को संयुक्त राष्ट्र की बैठक में प्रमुखता से उठाया है। कुणाल षाड़ंगी ने जेनेवा स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में चल रहे व्यापार एवं मानवाधिकार पर संयुक्त राष्ट्र फोरम (UNBHR) में कार्य समूह की प्रमुख पिचामोन योफंथोंग से मिलकर जादूगोड़ा के दर्द को साझा किया।

उन्होंने अपने X अकाउंट में इस बात की जानकारी देते हुए लिखा कि कल मैंने झारखंड के जादूगोडा में यूरेनियम खनन की वजह से आदिवासियो के पीढ़ी दर पीढ़ी द्वारा विस्थापन और विकिरण के दर्द का सामना करने संबंधी वैश्विक महत्त्व के विषय को संयुक्त राष्ट्र की तीन Guiding principles – Protect, Respect and Remedy के अंतर्गत देखने का प्रस्ताव दिया था। आज From Exploitation to Empowerment: Indigenous Rights and Leadership, Business and Climate Action के सत्र में उनके द्वारा अपना मत देने का अवसर देने पर मैंने Major Minerals और परमाणु ऊर्जा के क्षेत्रों में मानवाधिकार से जुड़े विषय पर केंद्र सरकार और राज्य सरकारी की शक्तियों के बीच बेहतर समन्वय ( जो हमेशा से माननीय मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी की सोच रही है) में संयुक्त राष्ट्र की भूमिका पर उन्हें संज्ञान लेने का आग्रह किया।

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