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सीएम हेमंत सोरेन को झारखंड हाईकोर्ट से बड़ा झटका, जानिए पूरी खबर

रांची: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समन की अवहेलना से जुड़े केस में झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन को झारखंड हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। इस मामले में जस्टिस अनिल कुमार चौधरी की बेंच ने 4 दिसंबर 2024 को उन्हें दी गई अंतरिम राहत को समाप्त करते हुए एमपी-एमएलए कोर्ट को ट्रायल की प्रक्रिया बढ़ाने का निर्देश दिया है। ईडी की ओर से सीजेएम कोर्ट में हेमंत सोरेन के खिलाफ 19 फरवरी 2024 को शिकायतवाद दर्ज कराया गया था। एजेंसी का कहना है कि रांची के बड़गाईं अंचल से संबंधित जमीन घोटाले में पूछताछ के लिए हेमंत सोरेन को पहली बार 14 अगस्त 2023 को हाजिर होने के लिए समन भेजा गया था। इसके बाद इसी वर्ष उन्हें 19 अगस्त, 1 सितंबर, 17 सितंबर, 26 सितंबर, 11 दिसंबर, 29 दिसंबर को और 2024 में 13 जनवरी, 22 जनवरी और 27 जनवरी को भी समन भेजे गए थे। इस तरह उन्हें कुल दस समन भेजे गए, लेकिन इनमें से मात्र दो समन पर वह उपस्थित हुए। यह पीएमएलए (प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) की धारा 63 एवं आईपीसी की धारा 174 के तहत गैरकानूनी है। कोर्ट ने ईडी की ओर से दाखिल शिकायतवाद पर सुनवाई के बाद 4 मार्च 2024 को संज्ञान लिया था। बाद में यह मामला एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट में स्थानांतरित कर दिया गया।

हेमंत सोरेन ने कोर्ट की ओर से इस मामले में संज्ञान लिए जाने को हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए कहा था कि ईडी के जिन समन पर वह हाजिर नहीं हुए थे, उनका जवाब उन्होंने लिखित तौर पर दे दिया था। ये समन लैप्स होने के बाद नए समन पर वह ईडी के समक्ष हाजिर हुए थे और इसका अनुपालन किया था। ईडी ने उन्हें दुर्भावना से प्रेरित होकर बार-बार समन भेजा, इसलिए इस शिकायतवाद को निरस्त किया जाए।

इस पर पूर्व में हाईकोर्ट ने उन्हें अंतरिम राहत देते हुए एमपी-एमएलए कोर्ट में निजी तौर पर उपस्थिति से छूट प्रदान की थी। मंगलवार को हाईकोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान सोरेन के अधिवक्ता ने बहस के लिए वक्त देने और अंतरिम राहत आगे बढ़ाने का आग्रह किया, लेकिन कोर्ट ने इनकार करते हुए एमपी-एमएलए कोर्ट को मामले के ट्रायल की प्रक्रिया को जारी रखने का निर्देश दिया है। अब एमपी-एमएलए कोर्ट में इस केस में 28 नवंबर को सुनवाई होनी है, जिसमें सीएम हेमंत सोरेन को उपस्थित होना पड़ेगा।

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