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सूर्या हांसदा मामले में 11 को भाजपा का राज्यव्यापी प्रदर्शन, झामुमो ने किया तीखा पलटवार, विनोद पांडेय बोले – आदिवासी समाज अपराधियों को स्वीकार नहीं करता, बार बार एक अपराधी को आदिवासी बताना पूरे समाज का अपमान है

भाजपा केंद्र सरकार से झारखंड के बकाया खनिज राजस्व, विशेष पैकेज और एमएसपी की गारंटी की मांग करें - झामुमो

रांची. सूर्या हांसदा मामले में भारतीय जनता पार्टी 11 सितंबर को सभी प्रमंडलों में प्रदर्शन करेगी। प्रदर्शन के दौरान मामले की सीबीआई जांच की मांग की जाएगी। उधर सूर्या हांसदा मामले में राजनीति पर झामुमो ने बीजेपी के ऊपर कड़ा पलटवार किया है। पार्टी के महासचिव विनोद पांडेय ने कहा कि भाजपा अपना राजनैतिक लाभ साधने के लिए एक अपराधी को बार बार ‘आदिवासी’ साबित करने में लगी है। आदिवासी समाज कभी अपराधियों को स्वीकार नहीं करता है। भाजपा का बार बार सूर्या हांसदा को आदिवासी कहकर जनता को भ्रमित करना और बरगलाना पूरे आदिवासी समाज का अपमान है। विनोद पांडेय ने कहा कि भाजपा अपने दिल्ली वाले आकाओ के इशारो पर नाचना बंद करे। प्रदेश भाजपा केंद्र सरकार से झारखंड के बकाया खनिज राजस्व, विशेष पैकेज और एमएसपी की गारंटी की मांग करें।

सत्ता से बेदखल भाजपा को समानांतर सरकार चलाने का भ्रम

विनोद पांडेय ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी द्वारा लगाए गए आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि सत्ता से बेदखल भाजपा को आज भी समानांतर सरकार चलाने का भ्रम हो गया है। हर मुद्दे पर भ्रम फैलाकर जनता को गुमराह करना ही भाजपा का एजेंडा है। झामुमो के वरिष्ठ आदिवासी नेता एवं विधायक हेमलाल मुर्मू पहले ही सूर्या के आपराधिक जीवन का पूरा विवरण सार्वजनिक कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं को प्रदेश की जनता को बताना चाहिए कि आखिर सूर्या हांसदा पर दर्ज 24 से अधिक मुकदमों का सच क्या था। वे मुक़दमे किनके शासन काल में दर्ज हुए ? क्या अवैध खनन और तस्करी के संरक्षण से भाजपा के कुछ चेहरे जुड़े नहीं रहे हैं?

विनोद पांडेय ने कहा कि भाजपा के पास न तो जनादेश है, न ही कोई ठोस मुद्दा। इसलिए कभी सीबीआई का राग, कभी भूमि विवाद का बहाना बनाकर जनता को गुमराह कर रही है। प्रदेश की जनता सब समझ रही है। उन्होंने कहा कि यदि बाबूलाल मरांडी सचमुच आदिवासी समाज और गरीबों के हितैषी हैं, तो केंद्र की भाजपा सरकार से झारखंड के बकाया खनिज राजस्व, विशेष पैकेज और एमएसपी की गारंटी की मांग करें। हेमंत सरकार की ओर से आदिवासियों को 28 प्रतिशत, ओबीसी को 27 प्रतिशत व एससी को 12 प्रतिशत आरक्षण देने को लेकर किए गए पहल को पूरा करने के लिए भाजपा नेता केंद्र सरकार और राज्यपाल से क्यों नहीं बात करते ?

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