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अनियमित ढंग से बढ़ते कोचिंग सेंटर और मनमानी फीस वसूली पर लगेगी लगाम, कोचिंग माफिया पर लगाम कसने का विधेयक विधानसभा से पास, अब छात्रों को स्पेस के साथ वेंटिलेशन की व्यवस्था देनी होगी, छात्रों से पैसा लेकर लापता होने वाले कोचिंग संस्थानों के फ्रेंचाइजी के साथ फ्रेंचाइजर भी दंडित होंगे

रांची: छात्रों के आत्महत्या के बढ़ते मामले, आग की घटनाओं, मूलभूत सुविधाओं की कमी के अलावा अनियमित ढंग से बढ़ते कोचिंग सेंटरों और अत्यधिक फीस वसूलने के अलावा कई अन्य तरह की विसंगतियों पर रोकथाम के लिए राज्य सरकार ने झारखंड कोचिंग सेंटर (कंट्रोल एंड रेगुलेशन) बिल 2025 को आज विधानसभा से पारित करा लिया। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू द्वारा सदन में पेश विधेयक को भाजपा विधायक नवीन जायसवाल ने प्रवर समिति को भेजने का प्रस्ताव दिया। लेकिन ध्वनि मत से जायसवाल का प्रस्ताव सदन ने खारिज कर दिया। हालांकि भाजपा के अन्य विधायकों ने भी इस अधिनियम में किए गए प्रावधानों का विरोध नहीं किया। विधेयक पर अब राज्यपाल की स्वीकृति मिलते ही, कानून बन जाएगा। उसके बाद राज्य के लगभग पांच लाख से अधिक छात्रों को लाभ होगा, जो विभिन्न तरह कोचिंग संस्थानों में पढ़ते हैं। कोचिंग सेंटरों के माध्यम से कॉलेज और विश्वविद्यालय स्तर पर किसी भी अध्ययन कार्यक्रम या प्रतियोगिता परीक्षा के लिए शैक्षणिक सहायता प्राप्त करते हैं। मालूम हो कि बिहार, गोवा, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, मणिपुर, राजस्थान जैसे राज्यों ने अलग अलग तरीके से कोचिंग संस्थानों पर कंट्रोल एंड रेगुलेशन के लिए कानून बना चुके हैं। झारखंड में कोचिंग सेंटरों पर लगाम लगाने के उद्देश्य से आनेवाले इस विधेयक का खुलासा द फॉलोअप ने पहले ही किया था।

कोचिंग सेंटरों के लिए विधेयक के मुख्य बिंदु:

ऐसे सेंटर जहां 50 से अधिक छात्रों को स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय स्तर पर किसी भी अध्ययन कार्यक्रम या प्रतियोगिता परीक्षाओं के लिए शैक्षणिक सहायता के लिए कोचिंग प्रदान की जा रही है। एक व्यक्ति या व्यक्तियों के समूह या एक निगमित निकाय या इंडियन ट्रस्ट एक्ट 1882 के तहत पंजीकृत ट्रस्ट या सोसाइटी रजिस्ट्रेशन एक्ट 2008 के तहत स्थापित एलएलपी या कंपनी एक्ट 2013 के तहत पंजीकृत कंपनी है, इस अधिनियम के तहत कोचिंग सेंटर स्थापित कर सकेंगे। इस अधिनियम के प्रावधानों के अनुपालन हेतु जिला स्तर पर उपायुक्त की अध्यक्षता में डिस्ट्रिक्ट कोचिंग सेंटर रेगुलेटरी कमेटी एवं राज्य स्तर पर झारखंड स्टेट कोचिंग सेंटर रेगुलेटरी अथॉरिटी का गठन किया जाएगा। डिस्ट्रिक्ट कोचिंग सेंटर रेगुलेटरी कमेटी जिले के अंतर्गत किसी बी व्यक्ति के कोचिंग सेंटर के पंजीकरण या स्थापना के लिए आवेदन को स्वीकृत अथवा अस्वीकृत करसकेगा। छात्रों या अभिभावकों की शिकायतों के निवारण केलिए जिला और ब्लॉक लेवल पर शिकायत निवारण प्रकोष्ठ का गठन करेगा। कोचिंग से जुड़े छात्रावासों में नियमित पुलिस गश्त सुनिश्चित करेगा। किसी भी शिकायत का भौतिक व डिजिटल रूप में रिकार्ड रखने का प्रावधान होगा।

कोचिंग सेंटरों को क्या करना होगा:

कानून के लागू होने की तिथि से छह महीने के भीतर कोचिंग संस्थानों को डिस्ट्रिक्ट कोचिंग सेंटर रेगुलेटरी कमेटी के पास आवेदन करना होगा। आवेदन नहीं करनेवाले कोचिंग संस्थानों को दंडित किया जा सकेगा। साथ ही कोचिंग संस्थानों द्वारा किए गए आवेदन पर कमेटी को 60 दिनों के भीतर निर्णय लेना होगा। अगर कोचिंग सेंटर संचालित करनेवाले व्यक्ति के पास जिले के भीतर या बाहर कई परिसर या शाखाएं है तो ऐसे प्रत्येक परिसर या शाखा को अलग अलग कोचिंग सेंटर माना जाएगा। संबंधित जिले में अलग अलग आवेदन करना होगा। यदि कोई कोचिंग सेंटर फ्रेंचाइजी मोड में संचालित हो रहा है तो इसके फ्रेंचाइजर को भी नियमों के अनुरूप आवेदन करना होगा। कोचिंग सेंटर की स्थापना के लिए आवेदन के साथ आधारभूत संरचना, पाठ्यक्रम, मूल्यांकन एवं शुल्क, आसान निकास नीति, शुल्क वापसी नीति एवं विद्यार्थियों के स्थानांतरण नीति की भी जानकारी देनी होगी। आवेदन के साथ यह अंडरटेकिंग देना होगा कि नियोजित या नियोजन किए जानेवाले किसी भी ट्युटर के पास स्नातक की न्यूनतम योग्यता है। उसे किसी न्यायालय द्वारा किसी अपराध के लिए दोषी नहीं ठहराया गया है। 16 वर्ष से कम आयु के या माध्यमिक विद्यालयपरीक्षा नहीं देनेवाले विद्यार्थियों को उनके अभिभावक की स्पष्ट लिखित सहमति के बिना नामांकित नहीं किया जाएगा। आवेदन से संतुष्ट होने पर डिस्ट्रिक्ट कमेटी द्वारा लेटर ऑफ इंटेंट निर्गत किया जाएगा। लेटर ऑफ इंटेंट निर्गत होने की तिथि से 30 दिनों के अंदर पांच लाख रुपए की बैंक गारंटी जमा करनी होगी। फिर कमेटी द्वारा लेटर टू स्टार्ट की अनुमति दी जाएगी। कोचिंग सेंटर का पंजीकरण पांच वर्ष की अवधि के लिए मान्य होगा। अवधि समाप्त होने पर पंजीकरण का नवीकरण किया जा सकेगा। कोचिंग सेंटरों को वेब पोर्टल पर सारा डाटा रखना होगा।

कोचिंग सेंटरों के विरुद्ध शिकायतों के निवारण की व्यवस्था होगी:

कोचिंग सेंटर के छात्र, अभिभावक या ट्युटर द्वारा डिस्ट्रिक्ट कोचिंग सेंटर रेगुलेटरी कमेटी के पास सिकायत दर्ज करायी जा सकेगी। कमेटी द्वारा शिकायतों की जांच के लिए उप जांच समितियों का गठन किया जा सकेगा। दोनों पक्षों की सुनने के बाद 45 दिनों के भीतर समुचित आदेश पारित कर, शिकायतों का निबटारा करना होगा। समिति गंभीर चूक पर कोचिंग सेंटर के निबंधन को रद्द करने का भी निर्णय दे सकेगी। डिस्ट्रिक्ट कमेटी के निर्णय को स्टेट कमेटी के समक्ष 30 दिनों के भीतर चुनौती दी जा सकेगी। स्टेट कमेटी का निर्णय अंतिम होगा। कोचिंग सेंटरों द्वारा नियमों का उल्लंघन किए जाने पर पहली बार 5 लाख रुपए और दूसरी बार के लिए 10लाख रुपए का दंड लगाया जा सकेगा। वित्तीय अनियमितता, कुप्रबंधन, कुप्रशासन की स्थिति पैदा होने पर कोचिंग संस्थान को पांच वर्षों के लिए ब्लैक लिस्टेड किया जा सकेगा। झारखंड स्टेट कोचिंग सेंटर रेगुलेटरी अथॉरिटी के अध्यक्ष जिला न्यायाधीश स्तर के सेवानिवृत न्यायिक पदाधिकारी होंगे। राज्य सरकार के संयुक्त सचिव व उससे उपर रैंक के सेवानिृत अधिकारी इसके उपाध्यक्ष और संयुक्त सचिव रैंक से नीचे के अधिकारी सदस्य होंगे।

ट्रिब्युनल का भी गठन होगा:

अधिनियम के अनुसार कोचिंग सेंटरों को संचालित करने के क्रम में उत्पन्न विवादों के हल के लिए झारखंड राज्य कोचिंग सेंटर नियामक प्राधिकरण का गठन होगा। प्राधिकरण में सेवानिवृत न्यायिक पदाधिकारी जो प्रधान जिला न्यायाधीश के पद से अन्यून हो, अध्यक्ष होंगे। राज्य सरकार के संयुक्त सचिव स्तर से अन्यून सेवानिवृत पदाधिकारी इसके उपाध्यक्ष होंगे। उपभोक्ता मामले और शिकायत निवारण में पूर्व रखनेवाला राज्य सरकार के संयुक्त सचिव के पद से अन्यून सेवानिवृत पदाधिकारी इसके सदस्य होंगे।

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