
रांची: देश में अपनी तरह की पहली पहल के तहत झारखंड के रामगढ़ जिले ने एक अभूतपूर्व उपलब्धि हासिल की है। यहाँ जल्द ही एक लाख प्रशिक्षित स्वयंसेवकों की सेना तैयार होगी, जिन्हें ‘आपदा मित्र’ नाम दिया गया है। ये सभी स्वयंसेवक आपात स्थिति में कार्डियो पल्मोनरी रिससिटेशन (CPR) और प्राथमिक उपचार (First Aid) देने में सक्षम होंगे।
यह लक्ष्य जिला प्रशासन द्वारा केवल दो माह के भीतर ही प्राप्त कर लिया गया है। उपायुक्त फैज-अक अहमद मुमताज के नेतृत्व में जून माह से ही यह पहल शुरू हुई थी।
क्या है सीपीआर?
सीपीआर जीवन बचाने की तकनीक है, जो आपातकालीन स्थिति में किसी व्यक्ति के सांस रुकने या दिल की धड़कन बंद होने पर दी जाती है। प्रशिक्षित व्यक्ति द्वारा समय रहते CPR दिए जाने पर हृदयगति रुकने के बाद भी रोगी की जीवित बचने की संभावना दोगुनी से तीन गुनी तक बढ़ जाती है।
इस महत्त्वाकांक्षी अभियान को सफल बनाने के लिए प्रशासन ने विद्यालयों, महाविद्यालयों, पंचायतों, सरकारी कार्यालयों, खदान क्षेत्रों और फैक्ट्रियों तक विशेष प्रशिक्षण अभियान चलाया।
उपायुक्त श्री मुमताज ने कहा,”रामगढ़ ने इतिहास रच दिया है। जिले में 1 लाख नागरिकों को CPR और प्राथमिक उपचार की ट्रेनिंग दी गयी है। शुरुआत में 3,329 मास्टर ट्रेनर्स को विशेषज्ञों और पैरामेडिक्स द्वारा प्रशिक्षित किया गया, जिन्होंने आगे पंचायतों, विद्यालयों, कारखानों और खदानों में अन्य लोगों को प्रशिक्षित किया।”
प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले लोगों ने इसे बेहद उपयोगी और जीवनरक्षक पहल बताया। कक्षा 11 के छात्र ने कहा कि अब मैं विश्वास के साथ कह सकता हूँ कि आपात स्थिति में मैं किसी की जान बचा सकता हूँ।
स्थानीय स्टील प्लांट में कार्यरत इंजीनियर राजकुमार ने कहा – “यह प्रशिक्षण आपातकालीन परिस्थितियों में जीवन रक्षक साबित होगा।”
पत्रातु की खुशबू कुमारी ने कहा – “दिल का दौरा पड़ने पर कुछ किया जाना चाहिए, अब मैंने प्रशिक्षण लिया है और ज़रूरत पड़ने पर किसी की जान बचा सकती हूँ।”
रामगढ़ की यह अनूठी पहल न केवल झारखंड बल्कि पूरे देश के लिए प्रेरणास्रोत बन रही है।



