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भारत में हर साल रेबीज से जाती है 20 हजार लोगों की जान, अकेले 2024 में दर्ज हुआ 37 लाख से अधिक कुत्तों के काटने का मामला, आंकड़ों से समझिये कुत्तों के आतंक का डराने वाला गणित

नयी दिल्ली: भारत में कुत्तों के काटने और उससे हो रहे जानलेवा रेबीज संक्रमण से मौत का आंकड़ा साल दर साल बढ़ता जा रहा है. वर्तमान समय में शायद ही देश की कोई गली, मोहल्ला और शहर बचा है, जहां लोग कुत्तों के आतंक से परेशान नहीं हैं. कुछ लोग इन आवारा कुत्तों को ‘एनिमल राइट्स’ का हवाला देकर निर्दोष साबित करने की कोशिश में लगे रहते है, मगर यही कुत्ते जब किसी को काट लें, तो बात जीने-मरने से भी आगे चली जाती है. कुत्ते के काटने से होने वाली पीड़ा या रेबीज संक्रमण से होने वाला ट्रॉमा, वे अच्छी तरह समझ सकते है, जिन्होंने कभी ऐसी परिस्थिति का सामना किया हो.

भारत में हर साल रेबीज से जाती है 20 हजार से अधिक लोगों की जान:

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, भारत में हर साल कुत्तों के काटने से होने वाले रेबीज संक्रमण की वजह से 20 हजार से अधिक मासूम लोगों की जान चली जाती है. देश में औसतन हर दिन 55 लोग रेबीज संक्रमण के कारण दम तोड़ रहे है. WHO की रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया के किसी भी अन्य देश की तुलना में भारत में रेबीज से मरने वालों का आंकड़ा सबसे अधिक है. रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में रेबीज से होने वाली मौतों का आंकड़ा पूरी दुनिया में रेबीज से हुई कुल मौतों का अकेले 36% है.

सिर्फ 2024 में कुत्ते के काटने के 37 लाख से अधिक मामले सामने आये:

केंद्रीय पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री एसपी बघेल ने जुलाई में लोकसभा में दिए लिखित जवाब में यह माना कि देश में सिर्फ 2024 में ही कुत्तों के काटने के 37 लाख से अधिक मामले दर्ज किये गए. अपने लिखित जवाब में एसपी बघेल ने संसद को बताया कि 2024 में देश में कुत्तों के काटने के कुल 37 लाख 17 हजार 337 मामले दर्ज हुए. 2022 में 21 लाख 90 हजार कुत्तों के काटने के मामले सामने आये थे. यह आंकड़ा 2023 में बढ़कर 30.5 लाख हो गया. 2024 में 37 लाख से भी अधिक मामले दर्ज किये गए. वहीं, सिर्फ 2025 के जनवरी में ही 4.3 लाख से अधिक मामले दर्ज हो चुके है. यह आंकड़ा अपने आप में डराने वाला है.


भारत में कितने आवारा कुत्ते?

भारत में पूरी दुनिया के मुकाबले सबसे अधिक आवारा कुत्ते है. इनकी संख्या करोड़ों में है. सरकार ने लोकसभा में बताया कि 2022 में देश में 1.53 करोड़ आवारा कुत्ते है. विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी WHO की माने तो भारत में रेबीज के 96% मामले कुत्तों के काटने से होते है. इनमे भी 30-60% मामले 15 साल से कम उम्र के बच्चों को कुत्ते के काटने से होते है. ऑनलाइन सर्वे फर्म लोकलसर्किल्स के सर्वेक्षण में देश के 61 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उनके क्षेत्र में कुत्तों का आम लोगों पर हमला करना सामान्य बात हो चुकी है.

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