
रांची. आदिवासी जननायक दिशोम गुरु शिबू सोरेन का आज सुबह 8:56 बजे निधन हो गया। उन्होंने दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल में अंतिम सांस ली। अचानक तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। दिशोम गुरु के निधन से झारखंड में तीन दिन का राजकीय शोक घोषित किया गया है। राज्य के सभी सरकारी कार्यालय 4 और 5 जुलाई को बंद रहेंगे। विधानसभा के मानसून सत्र की कार्यवाही को भी अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया है। गुरूजी के निधन पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत देश के बड़े नेताओ ने शोक प्रकट किया है।
The demise of Shri Shibu Soren Ji is a big loss in the space of social justice. He championed the cause of tribal identity and formation of the state of Jharkhand. Besides his work at the grassroots, he also contributed as the Chief Minister of Jharkhand, as a Union Minister and…
— President of India (@rashtrapatibhvn) August 4, 2025
The demise of Shri Shibu Soren Ji is a big loss in the space of social justice. He championed the cause of tribal identity and formation of the state of Jharkhand. Besides his work at the grassroots, he also contributed as the Chief Minister of Jharkhand, as a Union Minister and…
— President of India (@rashtrapatibhvn) August 4, 2025
आदरणीय दिशोम गुरुजी हम सभी को छोड़कर चले गए हैं।
आज मैं शून्य हो गया हूँ…
— Hemant Soren (@HemantSorenJMM) August 4, 2025
पूर्व मुख्यमंत्री व राज्यसभा सांसद दिशोम गुरु शिबू सोरेन जी का निधन अत्यंत दुखद व पीड़ादायक है।
वे जनजातीय अस्मिता व अधिकार के सशक्त स्वर थे।
राजनीतिक-सामाजिक जगत में उनका योगदान अविस्मरणीय रहेगा।
शोकाकुल परिजनों के प्रति मेरी गहरी संवेदना। pic.twitter.com/aPMHzj9c2i— Governor of Jharkhand (@jhar_governor) August 4, 2025
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और JMM के वरिष्ठ नेता शिबू सोरेन जी के निधन का समाचार सुनकर गहरा दुख हुआ।
आदिवासी समाज की मज़बूत आवाज़, सोरेन जी ने उनके हक़ और अधिकारों के लिए आजीवन संघर्ष किया। झारखंड के निर्माण में उनकी भूमिका को हमेशा याद रखा जाएगा।
हेमंत सोरेन जी और पूरे सोरेन… pic.twitter.com/sFiQrFHF2e
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 4, 2025

दिशोम गुरु शिबू सोरेन का जन्म 11 जनवरी 1944 को आज के रामगढ़ जिले और हजारीबाग जिले के नेमरा गांव में हुआ था। उन्होंने महाजनी प्रथा के खिलाफ आंदोलन का नेतृत्व किया था। वे झारखंड आंदोलन के सबसे बड़े नायक थे।



