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इस दिन लगेगा इतिहास का सबसे बड़ा सूर्यग्रहण, दिन में हो जाएगी रात, फिर ऐसा नजारा 100 साल बाद दिखेगा, जानिये कहां-कहां दिखेगा सूर्यग्रहण का अदभुत नजारा

नई दिल्ली: अगर दिन में रात हो जाए और पूरी दुनिया अंधेरे में डूब जाए तो आपको कैसा लगेगा। वो भी पूरे 6 मिनट के लिए। 6 मिनट तक सूरज गायब हो जाए तो बेचैनी होना स्वभाविक है। ये काल्पनिक बातें नहीं है। 2 अगस्त 2027 को पूर्ण सूर्य ग्रहण लगेगा। पूर्ण सूर्यग्रहण की वजह से दिन में पूरा आसमान अंधेरे में डूब जाएगा। इस तरह का सूर्य ग्रहण अगले करीब 100 साल तक भी नहीं देखने को मिलेगा। दुनिया के अलग-अलग महाद्वीपों पर रहने वाले करोड़ों लोगों को यह नजारा देखने को मिलेगा। इस तरह का सूर्यग्रहण 2114 तक दोबारा देखने को नहीं मिलेगा।

माना जा रहा है कि यह सूर्य ग्रहण अटलांटिक महासागर से शुरू होगा। फिर जिब्राल्टर जलडमरूमध्य, दक्षिणी स्पेन, उत्तरी मोरक्को, उत्तरी अल्जीरिया, उत्तरी ट्यूनेशिया, उत्तर पूर्वी लीबिया, मिस्त्र, सूडान, दक्षिण पश्चिमी सऊदी अरब, यमन, सोमालिया और अरब प्रायद्वीप के अन्य देशों तक जाएगा। हालांकि हिंद महासागर के ऊपर यह धुंधला पड़ जाएगा। इतिहास का सबसे लंबा पूर्ण सूर्य ग्रहण 7 मिनट 28 सेकंड तक का था जो 743 ईसा पूर्व हुआ था।

इस सूर्य ग्रहण ‘महान उत्तरी अफ्रीकी ग्रहण’ भी कहा जा रहा है। इसकी वजह यह है कि अफ्रीका के ज्यादातर देशों से यह दिखाई देगा। अधिकांशत: सूर्यग्रहण 3 मिनट से कम समय तक रहते हैं लेकिन 2 अगस्त 2027 को पड़ने वाला पूर्ण सूर्यग्रहण दुनिया के कई हिस्सों को पूरे 6 मिनट तक अंधेरे में डुबोए रखेगा।

इतने लंबे सूर्यग्रहण का कारण क्या है?

इसका कारण सूर्य-चंद्रमा और पृथ्वी के बीच दुर्लभ खगोलीय संरेखण है। इतने लंबे सूर्यग्रहण के तीन मुख्य कारण है। पहला यह है कि पृथ्वी सूर्य से सबसे दूरी पर होगी। इसे अपसौर कहा जाता है। इस वजह से पृथ्वी से सूरज छोटा दिखेगा। उसी समय, चंद्रमा धरती के सबसे करीब होगा जिससे यह बड़ा दिखाई देगा। तीसरा ये कि चंद्रमा की छाया भूमध्य रेखा पड़ेगी और परछाई धीमी गति से बढ़ेगी।

कई महाद्वीपों पर होगा ग्रहण:

अगस्त, 2027 में होने वाला सूर्य ग्रहण का पूर्ण पथ 275 किलोमीटर चौड़ा है। ऐसे में यह कई महाद्वीपों को कवर करेगा। इसे महान उत्तरी अफ्रीकी ग्रहण भी कहा जा रहा है क्योंकि अफ्रीका के ज्यादातर देशों से दिखाई देगा।

2 अगस्त, 2027 के सूर्य ग्रहण अपनी अवधि की वजह से विशेष होगा। यह छह मिनट चलेगा और ऐसा अगले 100 वर्षों तक नहीं होने वाला है। एक्सपर्ट का कहना है कि 2027 के बाद इस तरह का सूर्य ग्रहण शायद 2114 में होगा।

पूर्ण सूर्य ग्रहण कहां-कहां दिखेगा:

अगस्त, 2027 का सूर्य ग्रहण अटलांटिक महासागर में शुरू होगा और जिब्राल्टर जलडमरूमध्य के पास जमीन पर उतरेगा। पूर्ण सूर्य ग्रहण सबसे पहले दक्षिणी स्पेन, जिब्राल्टर और मोरक्को में दिखाई देगा। इसके बाद अल्जीरिया, ट्यूनीशिया, लीबिया और मिस्र में सूर्य ग्रहण तब होगा, जब वह आकाश में अपने उच्चतम बिंदु पर होगा।

मिस्र के बाद सूर्य ग्रहण लाल सागर को पार करते हुए सऊदी अरब, यमन और सोमालिया में अंधेरा करेगा। स्पेन के काडिज और मलागा शहरों में चार मिनट से ज्यादा तक पूरी तरह से अंधेरा रहेगा। मोरक्को के टैंजियर और टेटुअन पूर्ण सूर्यग्रहण देखने के लिए सबसे अच्छे स्थानों में होंगे क्योंकि ये केंद्रीय छाया पट्टी के ठीक नीचे होंगे।

भारत में दिखेगा ग्रहण?

लीबिया का बेंगाजी इस सूर्य ग्रहण को देखने के लिए एक अच्छा स्थान होगा। लीबिया के आसमान में पाच मिनट तक अंधेरा छाया रहेगा। मिस्र के ऐतिहासिक शहर लक्सर के पास छह मिनट तक घना अंधेरा रहेगा। इटली का लैम्पेडुसा द्वीप लगभग पूरी तरह से ढका रहेगा।

सऊदी अरब के जेद्दा और मक्का, यमन और सोमालिया के कुछ हिस्से ग्रहण देखने वाले अंतिम स्थान होंगे। खगोल विज्ञान के इतिहास की इस बड़ी घटना को भारतीय नहीं देख सकेंगे। अगस्त, 2027 का सूर्यग्रहण भारत और आसपास के देशों में दिखाई नहीं देगा।

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