रद्द होगी सीजीएल परीक्षा! जेएसएससी सीजीएल मामले में बड़ा खुलासा, पेपर लीक का सबसे बड़ा सबूत सामने आया, पेपर लीक मामले में शामिल 10 अभ्यर्थी परीक्षा में कैसे हो गए पास..
विवादों में चल रहे पिछले साल हुए झारखंड सामान्य संयुक्त स्नातक स्तरीय प्रतियोगी परीक्षा में बड़ी गड़बड़ी हुई है। परीक्षा रद्द कर नए सिरे से परीक्षा कराने की मांग लगातार हो रही है।

रांची. विवादों में चल रहे पिछले साल हुए झारखंड सामान्य संयुक्त स्नातक स्तरीय प्रतियोगी परीक्षा में बड़ी गड़बड़ी हुई है। परीक्षा रद्द कर नए सिरे से परीक्षा कराने की मांग लगातार हो रही है। झारखंड हाईकोर्ट में फिलहाल मामला लंबित है, मगर इन सब के बीच झारखंड कर्मचारी चयन आयोग की सीजीएल परीक्षा में पेपर लीक को लेकर सबसे बड़ा सबूत सामने आया है। दरअसल, पेपर लीक के मास्टरमाइंड शशिभूषण दीक्षित और अन्य आरोपियों के मोबाइल से सीआईडी को 28 अभ्यर्थियों के नाम मिले है। ये वो नाम हैं, जिन्हें प्रश्न पत्र परीक्षा से पहले उपलब्ध कराया गया था। इनमें से 10 अभ्यर्थी परीक्षा में सफल भी हो गए है।
सीआईडी जांच में पता चला है कि अभ्यर्थियों से सबसे ज्यादा वसूली शशिभूषण दीक्षित ने ही की थी। उसके दो बैंक खाते की डिटेल्स सीआईडी को मिली है। इसमें आठ लाख रुपए से ज्यादा की रकम ट्रांसफर की गई है। वहीं एक अन्य आरोपी मनोज कुमार के खाते में एक अभ्यर्थी ने यूपीआई के जरिए एक लाख रुपए ट्रांसफर किये थे। सीआईडी ने इस मामले में अब तक 11 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। शशिभूषण दीक्षित फिलहाल अभी जेल में है। उसे 28 मार्च को उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से गिरफ्तार किया गया था।
मोबाइल से सीआईडी को मिले बैंक खातों में लेनदेन के सबूत, रोल नंबर और एजेंट की जानकारी
सीआईडी को आरोपियों के मोबाइल से अभ्यर्थियों के नाम के साथ उनका रोल नंबर, परीक्षा केंद्र और एजेंट के नाम की भी जानकारी मिली है। इनके बैंक खातों से बड़ी लेनदेन के सबूत भी मिले हैं। सीआईडी ने इस केस में एक अन्य आरोपी कुंदन कुमार को भी गिरफ्तार किया था। उसके मोबाइल से उसकी पत्नी के बैंक खाते का पता चला। उस खाते में भी पैसों का लेनदेन हुआ है। इससे साफ हो गया कि आरोपियों ने अभ्यर्थियों से पैसे लिए और उन्हें सीजीएल परीक्षा का पेपर परीक्षा से पहले ही उपलब्ध कराया।
अभ्यर्थियों का कॉल लोकेशन नेपाल से ट्रेस
जेएसएससी सीजीएल परीक्षा पिछले साल 21 व 22 सितंबर को हुई थी। इससे ठीक पहले ये अभ्यर्थी आरोपियों के संपर्क में आये थे। 19 व 20 सितंबर 2024 को इन अभ्यर्थियों के मोबाइल का लोकेशन नेपाल में मिला था। अब सीआईडी उन अभ्यर्थियों का डिटेल्स भी खंगाल रही है, जिन्हें ये पेपर उपलब्ध कराए गए थे। यह भी पता लगाया जा रहा है कि ये आरोपियों के संपर्क में कैसे आए। आरोपियों ने जो पेपर उपलब्ध कराए थे, वे असली थे या नकली, इसका खुलासा अभी तक नहीं हो सका है। सीआईडी इस मामले में आईआरबी के छह जवानों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है।
हाईकोर्ट में लंबित है मामला, लगातार हो रहा है आंदोलन
सीजीएल परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर दाखिल जनहित याचिका फिलहाल झारखंड हाई कोर्ट में लंबित है। कोर्ट लगातार इसपर सुनवाई कर रहा है। उधर अभ्यर्थियों का सब्र भी जवाब देने लगा है। जेएसएससी सीजीएल परीक्षा रद्द कर नए सिरे से पूरी परीक्षा आयोजित कराने की मांग को लेकर लगातार युवा सड़को पर है। क्या सरकार कदाचार और पेपर लीक जैसे संवेदनशील विषयो को ध्यान में रखते हुए जेएसएससी सीजीएल परीक्षा रद्द करती है या नहीं। ये तो आने वाला वक़्त बताएगा। मगर युवाओ की आस न्याय पालिका से है।



