
रांची. झारखंड की शिक्षा व्यवस्था में बड़ा सुधार देखने को मिल रहा है। राज्य की हेमंत सोरेन सरकार के प्रयासों का परिणाम है कि झारखंड में जैक के 10वीं मैट्रिक के रिजल्ट में अप्रत्याशित सफलता देखने को मिली है। राज्य के स्कूलों ने पिछले वर्ष की तुलना में बेहतर परिणाम देकर सबको चौंका दिया है। स्कूलों में बेहतर शैक्षणिक माहौल मिलने से राज्य के स्कूली बच्चों के रिजल्ट में बेहतर सुधार हुआ है।
जहां बीते वर्ष 2024 में मैट्रिक की परीक्षा में राज्य के 24 स्कूलों के शत-प्रतिशत बच्चे प्रथम श्रेणी से पास हुए थे, वहीं इस वर्ष 51 स्कूलों के सभी बच्चे प्रथम श्रेणी से पास हुए है। इतना ही नहीं, पिछले वर्ष राज्य के 261 स्कूलों का शत-प्रतिशत रिजल्ट रहा था, वहीं 2025 में यह आंकड़ा बढ़कर 777 हो गया है। यानी इस साल राज्य के 777 स्कूलों का रिजल्ट शत-प्रतिशत रहा है। यह पिछले वर्ष की तुलना में तीन गुना अधिक है।
शिक्षकों के पेशेवर और कौशल विकास के लिए लगातार चलाये जा रहे है कार्यक्रम
राज्य के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग द्वारा सरकारी स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों के सतत क्षमता विकास और उनके पेशेवर विकास के लिए कई कार्यक्रम चलाये जा रहे है। शिक्षकों के लिए TNA का आयोजन कराया गया था, इस आंकलन परीक्षा के माध्यम से शिक्षकों द्वारा प्राप्तांत के आधार पर उनके लिए आवश्कतानुसार प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे। इतना ही नहीं, राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत राज्य के शिक्षकों के लिए 50 घंटे का अनिवार्य प्रशिक्षण कार्यक्रम CCPD भी शुरू किया गया है। जिससे शिक्षकों का ना केवल क्षमता विकास हो रहा है, बल्कि बच्चो को बदलते दौर के साथ ढलते हुए प्रभावी शिक्षण रणनीति अपनाकर शिक्षा प्रदान करने में भी यह शिक्षकों की सहायता कर रहा है। शिक्षकों के क्षमता विकास से बच्चो को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित हो रही है और बच्चे परीक्षा परिणामो में भी बेहतरीन प्रदर्शन कर रहे है।