
आम आदमी और छात्रों का मुद्दा उठाकर विधायक बनने वाले जयराम महतो ने एक नया विवाद खड़ा कर दिया है। सदन में गरज कर विधायकों को बस और ट्रेन से विधानसभा सत्र में आने की नसीहत देने वाले विधायक जयराम महतो के सिर भी ‘माननीय’ का नशा चढ़ गया है। जयराम महतो ने हाल ही में 22 लाख की चमचमाती स्कार्पियो खरीदकर अपने आलोचकों को नया मुद्दा दे दिया है। छात्रों की आवाज उठाकर विधायक बनने वाले विधायक जयराम महतो राज्य में खाली पड़े जेपीएससी अध्यक्ष के मुद्दे पर कभी आवाज बुलंद करते नहीं दिखे, मगर हाल ही में उन्होंने अपनी चमचमाती स्कार्पियो को लेकर जो सफाई दी, उसने विवाद को और हवा दे दी है। माननीयो को मिलने वाले भत्तों, मोटी तनख्वाह जैसे मुद्दों पर बेबाकी से अपनी बात रखने वाले जयराम पर भी अब सिस्टम का हिस्सा बनने का आरोप लग गया है।
जयराम महतो ने स्कार्पियो खरीदने के पीछे विधायकों को मिलने वाले टीए यानी यात्रा भत्ता को जिम्मेदार बताया है। जयराम महतो ने कहा कि उन्हें मजबूरी में गाडी खरीदनी पड़ी है। जयराम महतो अपनी सफाई में भी आक्रामक ही नजर आये, उन्होंने कहा कि अब वो सरकार का हिस्सा है, एक विधायक है और विधायक की सैलरी दो लाख रुपये महीने की होती है। ऐसे में वो अपने दम पर अपनी गाडी का ईएमआई भर सकते है। उन्होंने कहा कि विधायक को गाडी, जमीन और घर खरीदने के लिए लोन मिलता है, मैंने लोन ले लिया तो क्या गलत किया है। हालांकि माननीय बन चुके जयराम महतो की सफाई भी उनके आलोचकों को शांत नहीं कर सकी, उलटा विधायक जयराम महतो अपनी ही सफाई पर घिर गए है।