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पैरालिसिस के शिकार पद्मश्री सिमोन उरांव के इलाज के लिए सामने आये मंत्री इरफान अंसारी, डीसी को दिया हर संभव सहयोग करने का आदेश

रांची: झारखंड के धरती पुत्र और पद्मश्री सिमोन उरांव के इलाज के लिए स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी आगे आये है. उन्होंने रांची डीसी को सिमोन उरांव का हर संभव सहयोग और इलाज कराने का आदेश दिया है. दरअसल, 90 वर्षीय सिमोन उरांव लगभग 3 साल से पैरालिसिस (लकवा) के शिकार है. वे बारह पड़हा के राजा भी है. सिमोन उरांव लगभग 3 साल से लकवाग्रस्त है. वे चल-फिर नहीं पा रहे है. मगर उनकी यादाश्त अब भी ठीक है. बातचीत भी कर लेते है. बेटे सुधीर उरांव ने बताया कि तीन साल पहले वे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के शपथ ग्रहण में दिल्ली गए थे, वहां से लौटने के बाद उन्हें लकवा मार दिया. वे 20 दिनों तक रिम्स में रहे, लेकिन कोई खास फायदा नहीं हुआ. इसके बाद परिजन उन्हें घर ले आये. तब से वे ऐसे ही पड़े है. पैसों के अभाव में उनका इलाज भी बंद हो गया था.


सिमोन उरांव ने झरिया नाला में बांध बनाकर क्रांति ला दी थी:

बेड़ो के खकसी टोली में 1934 में जन्मे सिमोन उरांव ने किशोर अवस्था में ही झरिया नाला में गायघाट प्राइवेट बांध बनाकर गांव में क्रांति ला दी थी. वे जल संरक्षण, मिटटी संरक्षण और पर्यावरण संरक्षण पर काम करते थे. उन्होंने झरिया नाला बांध से नालियां बनाकर सिंचाई की व्यवस्था कराई थी. खेतों तक पानी पहुंचाकर टांड जमीन को भी खेती लायक बना दिया. पहले यहां सिर्फ धान की एक फसल होती थी. उनके प्रयास और सिदृढ़ सिंचाई व्यवस्था से धान के साथ ही गेहूं और सब्जी की खेती भी होने लगी. उनकी इंजीनियरिंग देखकर बड़े-बड़े इंजीनियर भी आश्चर्य चकित थे. फिर सरकार ने वहां देसावली डैम बनाया. बाद में जल संरक्षण के लिए किये गए काम की वजह से उन्हें 2016 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया.

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