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रांची में 10 फरवरी से ऑल इंडिया पुलिस ड्यूटी मीट, 15 फरवरी तक देश के कई राज्यों सहित, पैरामिलिट्री और सुरक्षा एजेंसियों के 1228 जांबाज लेंगे प्रतियोगिताओ में भाग

इस मीट का उद्घाटन झारखंड के राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार करेंगे, जबकि समापन समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर सीएम हेमंत सोरेन उपस्थित रहेंगे।

Ranchi. रांची में पहली बार ऑल इंडिया पुलिस ड्यूटी मीट का आयोजन 10 से 15 फरवरी तक होगा। झारखंड पुलिस की मेजबानी में हो रहे इस आयोजन में देश के 18 राज्यों, दो केंद्र शासित प्रदेशों के साथ-साथ आठ अर्धसैन्य बलों की टीमें विभिन्न प्रतिस्पर्धाओं में अपने कौशल का प्रदर्शन करेंगी। झारखंड पुलिस की विशेष शाखा के आईजी प्रभात कुमार और सीआईडी के आईजी असीम विक्रांत मिंज ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि इस आयोजन की तमाम तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। इसमें भाग लेने वाली टीमों के रांची पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में ऑल इंडिया पुलिस ड्यूटी मीट का लोगो और वीडियो टीजर भी लॉन्च किया गया। रांची स्थित मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में होने वाले इस मीट का उद्घाटन झारखंड के राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार करेंगे, जबकि समापन समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर सीएम हेमंत सोरेन उपस्थित रहेंगे।

प्रतिस्पर्धाओं में कुल 1,228 प्रतिभागियों की भागीदारी होगी

बताया गया कि मीट के दौरान कुल 13 विषयों पर प्रतिस्पर्धाएं होंगी। प्रतिस्पर्धाएं विधि विज्ञान परीक्षा (लिखित), मेडिको-लीगल मौखिक, पुलिस फोटोग्राफी, पुलिस वीडियोग्राफी, क्राइम इन्वेस्टिगेशन लॉ रूल्स तथा कोर्ट जजमेंट, लि¨फ्टग पैकिंग, पुलिस पोट्र्रेट, ऑब्जर्वेशन, कंप्यूटर साक्षरता, डॉग ट्रेनिंग और एंटी सबॉटेज चेक से संबंधित होंगी। इन प्रतिस्पर्धाओं में कुल 1,228 प्रतिभागियों की भागीदारी होगी। आईजी प्रभात कुमार और आईजी असीम विक्रांत मिंज ने बताया कि ऑल इंडिया पुलिस मीट की शुरुआत वर्ष 1953 में राइफल, रिवॉल्वर, शूटिंग प्रतियोगिता के तौर पर हुई थी। उसके बाद से प्रतिवर्ष होने वाले इस आयोजन में पुलिस और सुरक्षा बलों की दक्षता से संबंधित कई प्रतिस्पर्धाएं जुड़ती गईं। उन्होंने बताया कि इस आयोजन से विभिन्न पुलिस संगठनों के बीच साझीदारी और परस्पर सहयोग की भावना तो बढ़ती ही है, पुलिसिंग के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्यों को लेकर समझदारी भी विकसित होती है। आतंकवाद, नक्सलवाद और भ्रष्टाचार जैसी समस्याओं के खिलाफ कार्यवाही के तरीकों को एक-दूसरे के साथ साझा किए जाने से इन समस्याओं पर प्रभावी कार्यवाही करने में भी मदद मिलती है।

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