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धांधली: इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस से छेड़छाड़ कर झारखंड में सरकारी ‘बाबू’ बन गया नटवरलाल, रिश्वत लिया तब पकड़ा गया

पलामू के राजस्व निरीक्षक रिश्वत कांड में बडा खुलासा हुआ है। निलंबित राजस्व निरीक्षक मुकेश कुमार ने गिरफ्तारी के बाद जो बयान दिया है, उसने सबको चौंका दिया है।

Ranchi. पलामू के राजस्व निरीक्षक रिश्वत कांड में बडा खुलासा हुआ है। निलंबित राजस्व निरीक्षक मुकेश कुमार ने गिरफ्तारी के बाद जो बयान दिया है, उसने सबको चौंका दिया है। नौकरी दिलाने के नाम पर युवाओ से करोडो रुपये ठगने के आरोपी मुकेश कुमार ने पुलिस को दिए अपने कबूलनामे में बताया कि वर्ष 2017 में जेएसएससी द्वारा की गयी राजस्व कर्मचारी की नियुक्ति प्रक्रिया में उसने ऑनलाइन गड़बड़ी की थी। इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस में छेड़छाड़ करके उसने गलत ढंग से सरकारी नौकरी ली। उसका रोलनंबर 2312030483 था। मगर नौकरी पाने के लिए उसने शातिर दिमाग का इस्तेमाल कर अपने रोल नंबर के साथ डिवाइस में ही छेड़छाड़ कर दी। लंबे समय तक जेएसएससी को इसकी भनक भी नहीं लगी। 2017 से अबतक वह राजस्व कर्मी के रूप में सेवा दे रहा था। मगर हाल ही में पलामू के मोहम्मदगंज के अंचल कार्यालय में रिश्वत लेने का मामला गरमाया और उसके विरुद्ध पड़ताल शुरू हुई तो उसके गलत ढंग से नौकरी पाने का भी पर्दाफाश हो गया। मुकेश कुमार ने अपना दोष स्वीकार करते हुए कबूलनामे में लिखा है कि यदि जेएसएससी चाहे तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर सकती है।

जेल में था शातिर, विभाग को करता रहा गुमराह

76 युवाओ से नौकरी के नाम पर डेढ़ करोड़ रुपये लेकर फरार होने के मामले में मुकेश के ऊपर पटना के बेउर और विक्रमगंज थाना में मामला दर्ज है। मामले में उसे पटना जेल में दो माह तक सजा भी काटना पड़ा। मगर हैरान करने वाली बात ये है कि ठग मुकेश को जब गिरफ्तार किया गया तो उसने झारखंड सरकार से मेडिकल लीव ले ली। विभाग को उसने खराब स्वास्थ्य का हवाला दिया, और जेल में दो माह बिताने के बाद दोबारा नौकरी ज्वाइन कर ली। हाल ही में पलामू के अंचल कार्यालय में रिश्वत लेने के मामले के बाद उसे निलंबित कर जांच शुरू हुई तो उसके फर्जी नियुक्ति का मामला भी प्रकाश में आया।

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