सीजीएल मामले में सुपर सोमवार कल, हज़ारो अभ्यर्थी पहुंचेंगे रांची, जेएसएससी कार्यालय के आसपास का इलाका बना हाई सिक्योरिटी जोन
कल 1500 जवानो संभालेंगे विधि व्यवस्था, जेएसएससी कार्यालय के आसपास 100 मीटर के दायरे में निषेधाज्ञा लागू, दो कैंप जेल बनाए गए, आवश्यकतानुसार सदाबहार चौक के पास ट्रैफिक होगा डाइवर्ट

Ranchi. झारखंड कर्मचारी चयन आयोग की संयुक्त स्नातक स्तरीय प्रतियोगिता परीक्षा (सीजीएल) विवादों में है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस परीक्षा की सीआईडी जांच के आदेश दे दिए है। इस बीच कल से सफल अभ्यर्थियों का डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन होना है। मगर छात्र इस एग्जाम में गड़बड़ी का आरोप लगाकर इसे रद्द कराने की मांग पर अड़े है। इसे लेकर छात्र बड़ा आंदोलन करने जा रहे है। सोमवार (16 दिसंबर) को हज़ारो की संख्या में छात्र जेएसएससी कार्यालय का घेराव करेंगे। इसे देखते हुए रांची जिला प्रशासन ने जेएसएससी कार्यालय और उसके आसपास के 100 मीटर के दायरे में निषेधाज्ञा लागू कर दी है। कार्यालय के आसपास तीन लेयर की बैरिकेडिंग की गयी है। जिला प्रशासन के 1500 जवान वाटर कैनन और आंसू गैस के गोलों के साथ तैनात किये गए है। विधि व्यवस्था बिगड़ने पर जवानो को त्वरित कार्रवाई का निर्देश दिया गया है।
जेएसएससी कार्यालय जाने वाले हर रास्ते पर पहरा
जिला प्रशासन द्वारा जेएसएससी कार्यालय जाने वाले सभी रास्तो में वाहनों की जांच की जा रही है। इसके साथ ही संदिग्ध लोगो से पूछताछ और उनके पहचान पत्रों की जांच भी हो रही है। प्रशासन का दावा है कि सुरक्षा व्यवस्था इतनी मजबूत होगी कि जेएसएससी कार्यालय के 500 मीटर के दायरे में परिंदा भी पर नहीं मार पायेगा। प्रदर्शनकारियों को सूचित करने के लिए कई स्थानों लाउडस्पीकर भी लगाए गए है। पूरे जेएसएससी कार्यालय परिसर को छावनी में बदल दिया गया है।
सदाबहार चौक से जेएसएससी कार्यालय तक का इलाका हाई सिक्योरिटी जोन बना
छात्रों के प्रदर्शन को देखते हुए सदाबहार चौक से जेएसएससी कार्यालय तक का इलाका हाई सिक्योरिटी जोन बन गया है। लगातार पुलिस पदाधिकारियों द्वारा इलाके की जांच की जा रही है। यहां होने वाले हर गतिविधि को रिकॉर्ड करने के लिए वीडियोग्राफी और ड्रोनोग्राफी भी कराई जा रही है।
स्थानीय लोगो के जनजीवन पर असर : हाई सिक्योरिटी जोन में बदले जाने से जेएसएससी कार्यालय के आसपास के स्थानीय लोगो का जीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। स्थानीय लोगो से आईडी कार्ड मांगा जा रहा है। साथ ही कई बार पूछताछ का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि स्थानीय लोग इसे विधि व्यवस्था के लिए सही कदम बता रहे है साथ ही प्रशासन को पूरा सहयोग कर रहे है।