
रांची: झारखंड में अब लोगों के अंदर से नक्सलवाद का डर खत्म होता जा रहा है। हेमंत सोरेन सरकार के दौरान राज्य से नक्सलवाद का लगभग सफाया हो चुका है। लोगों में नक्सलवाद का खौफ किस तरह खत्म होता जा रहा है, इसकी एक बानगी लातेहार से सामने आयी है। यहां लातेहार के सेरनदाग गांव में जिस सरकारी मीडिल स्कूल के भवन को 9 साल पहले नक्सलियों ने उड़ा दिया था, अब वहां 200 से ज्यादा बच्चे पढ़ते हैं। असल में उस भयावह घटना के बाद भी ग्रामीणों के बच्चों की पढ़ाई को लेकर जज्बा बरकरार था। बगैर किसी खौफ के छह माह बाद स्कूल को फिर से शुरू करवाया। लातेहार के डीएसई गौतम साहू ने स्कूल के नए भवन का निर्माण करवाने का भरोसा दिलाया है।
6 महीने बंद रहा स्कूल, ग्रामीणों के हौसले से चालू हुआ:
स्कूल के प्राचार्य ब्रह्मदेव गंझू ने बताया कि स्कूल को 2004 में अपग्रेड किया गया था। यहां क्लास एक से आठ तक की पढ़ाई होती है। 2015 में जिस समय भवन उड़ाया गया, तब स्कूल में करीब 140 बच्चे थे। 6 महीने स्कूल बंद रहा। इसके बाद ग्रामीणों ने ही चालू करा दिया। फिलहाल स्कूल 200 से अधिक छात्र-छात्राएं हैं। जगह कमी की वजह से बच्चे और शिक्षक दोनों को परेशानी हो रही है। तीन कमरे में ही ऑफिस चल रहा है।
आसपास घर रहने से बच गया एक भवन : ग्रामीण
गांव के कमलेश यादव, रामप्रकाश यादव, प्रमोद प्रसाद ने बताया कि पहले यह क्षेत्र नक्सल प्रभावित था। तब नक्सलियों के खिलाफ अभियान में लगे जवान स्कूल भवन में कभी-कभी रुकते थे। अक्टूबर 2015 में तीन कमरे के एक भवन को नक्सलियों ने विस्फोट कर उड़ा दिया। दूसरा भवन भी तीन कमरे का है। इस भवन के आसपास कई घर थे। इसलिए नक्सलियों ने बम लगाने के बाद भी उसे नहीं उड़ाया। ग्रामीणों को चेतावनी दी थी कि यहां पुलिस रुकी तो अंजाम बुरा होगा।