
भारतीय जनता पार्टी की नेता सीमा पात्रा के द्वारा अमानवीय अत्याचार की शिकार हुई आदिवासी बेटी सुनीता खाखा को राज्य सरकार के प्रयासों से नया जीवनदान मिल गया है. सीमा पात्रा के हैवानियत का शिकार बनी सुनीता की मुस्कान धीरे धीरे लौट आयी है. सुनीता ने अपने जीवन में जिस सिहरन और डर को महसूस किया, अब वह उससे भी उबर चुकी है. सरकारी प्रयासों और काउंसिलिंग से सुनीता अब सामान्य जीवन की ओर लौट रही है. डॉक्टर्स के प्रयासों और जटिल ऑपरेशन के कई चरणों के बाद सुनीता को ये ख़ुशी वापस मिल पायी है. सीमा पात्रा से मिला दर्द कभी भुलाया तो नहीं जा सकता, मगर राज्य की हेमंत सरकार सुनीता के जीवन में खुशियों का नया उजाला लाने के लिए उसे सरकारी योजनाओ से भी जोड़ने का काम शुरू कर चुकी है.
आदिवासी बहन सुनीता खाखा के चेहरे पर खुशी भावुक करने वाली है।
सुनीता बहन पर भाजपा नेता द्वारा किये गए अमानवीय व्यवहार, अत्याचार और वहशीपन ने पूरे देश को झकझोर दिया था।
आप पर जो जुल्म हुए उसका एहसास भी कर पाना कठिन है। मगर आप चिंता न करें, आपका भाई आपके साथ खड़ा है। pic.twitter.com/clmO6Y4e7l— Hemant Soren (@HemantSorenJMM) November 5, 2022
सुनीता की इस ख़ुशी को सांझा करते हुए आज मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने खुद को सुनीता का भाई बताते हुए ख़ुशी जाहिर की. सीएम ने अपने ट्विटर पर लिखा – आदिवासी बहन सुनीता खाखा के चेहरे पर खुशी भावुक करने वाली है. सुनीता बहन पर भाजपा नेता द्वारा किये गए अमानवीय व्यवहार, अत्याचार और वहशीपन ने पूरे देश को झकझोर दिया था. आप पर जो जुल्म हुए उसका एहसास भी कर पाना कठिन है. मगर आप चिंता न करें, आपका भाई आपके साथ खड़ा है.